Googleyness: कंपनी के लिए कितने काबिल हैं आप? चुटकियों में पता कर लेता है गूगल
Googleyness टर्म का इस्तेमाल किसी इंडिविजुअल का आकलन करने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से गूगल पता करता है कि कोई व्यक्ति कंपनी के कल्चर के साथ तालमेल बिठा पाएगा या नहीं। इसमें कुछ जरूरी चीजों का जिक्र किया गया है। अगर वह सारी क्वालिटी किसी इम्प्लॉई में होती हैं तो उसे कंपनी के लिए फिट माना जाता है। आइए इस टर्म का मतलब समझते हैं।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Google ने हाल ही में मैनेजेरियल स्टाफ के 10 प्रतिशत इम्प्लॉई को नौकरी से बाहर कर दिया है। ऐसा करके कंपनी वर्क एफिशिएंसी और कॉर्पोरेट कल्चर में सुधार लाना चाहती है। गूगल लेऑफ के बाद 'Googleyness' टर्म खूब चर्चा में है। बुधवार को हुई कंपनी की वाइड मीटिंग में इस टर्म का जिक्र खुद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी किया।
उन्होंने कहा मैनेजर, डायरेक्टर और वाइस प्रेसीडेंट लेवल पर लोग इससे प्रभावित हुए हैं। बहुत लोगों को नहीं पता है कि आखिर जिस टर्म का गूगल इतना इस्तेमाल कर रहा है, आखिर वह है क्या?
Googleyness क्या है?
Googleyness टर्म का इस्तेमाल एक इम्प्लॉई की उन क्वालिटी और अच्छाईयों के बारे बताने के लिए किया जा रहा है, जो उसे किसी कंपनी के लिए फिट बनाती हैं। कौन कंपनी के लिए कितना फायदेमंद है, वह इस टर्म में बताया जाता है। समय के साथ इस शब्द का मतलब बदल गया है। इसका उपयोग इम्प्लॉई का आकलन करने के लिए किया जाता है, कि कोई इंडिविजुअल गूगल के कल्चर के साथ तालमेल बिठा पाएगा या नहीं।
अगर थोड़ा पीछे जाएं तो Googleyness का यूज इंटेलैक्चुअल ह्यूमिलिटी, कंफर्ट और सेंस ऑफ फन के लिए किया जाता था। साल 2017 में गूगल ने अपने हायरिंग प्रोसेस में कई बदलाव किए थे, इसके लिए Googleyness टर्म का खूब यूज किया गया था।
सुंदर पिचाई ने समझाया मतलब
हालिया मीटिंग के दौरान सुंदर पिचाई ने इस वर्ड का मतलब समझाया। उन्होंने कहा इस शब्द की परिभाषा समय के साथ बहुत बदल गई है। Googleyness के अंदर कुछ जरूरी चीजों का ख्याल रखा जाता है। अगर ये चीजें उम्मीदवार से मेल खाती हैं, तो उसे कंपनी के लिए फिट माना जाता है।
- कंपनी के लक्ष्यों को कितनी प्रायोरिटी दी जा रही है।
- इम्प्लॉई की डिसीजन मेकिंग एबिलिटी कैसी है।
- काम करते समय मौज-मस्ती का भी इसमें जिक्र है।
- इसमें टीमवर्क का जिक्र किया गया है।
- Googleyness में इमोशनल इंटेलिजेंस भी चेक होता है।
गूगल में हो रहे ये बदलाव उसके वर्कफोर्स रिस्ट्रक्चरिंग एफर्ट्स का हिस्सा हैं। हाल ही में हुआ लेऑफ, कुछ दिन पहले विज्ञापन और क्लाउड यूनिट्स में हुई जॉब कटौती इसमें सबसे लेटेस्ट हैं। कंपनी के ये फैसले AI की रेस में खुद को बनाए रखने का भी हिस्सा हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।