अंतरिम बजट 2019: टेक इंडस्ट्री को हैं बजट से ये उम्मीदें
यहां हम आपको अंतरिम बजट पर कंपनियों के अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों की जानकारी दे रहे हैं
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। आम बजट 2019 की घोषणा पीयूष गोयल 1 फरवरी यानी कल शुक्रवार को करेंगे। हालांकि, यह अंतरिम बजट है। यह आम बजट से काफी अलग होता है। इस बजट से आईटी इंडस्ट्री, स्मार्टफोन मार्केट, टेलिविजिन मार्केट और नए स्टार्टअप के लिए कई उम्मीदें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि इन सेक्टर्स के लिए भी अंतरिम बजट में काफी कुछ दिया जा सकता है। यहां हम आपको अंतरिम बजट पर कंपनियों के अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों की जानकारी दे रहे हैं।
अश्वीन भंडारी, CEO, iVOOMi:
अश्वीन भंडारी ने कहा है, “हम PMP को प्रबंधित करने और बनाअ रखने के लिए भारत सरकार की सरहाना करते हैं। हम बजट में भारत सरकार के प्रावधानों का इंतजार कर रहे हैं। ये प्रावधान दुनियाभर के दिग्गजों के साथ भारतीय विनिर्माण सुविधाओं को बनाने के हित में किए जाएंगे। इससे निर्यात को बढ़ाने में और कई गुना फायदा पहुंचाने में मदद करेंगे। निर्यात में बढ़ोतरी, भारत को दुनिया का विनिर्माण केंद्र बना देगा।
छोटे कंपोनेंट मैन्यूफैकचर्रस को इंफ्रास्टक्चर का सपोर्ट भी दिए जाने की उम्मीद है। यह मेक इन इंडिया के विजन को बढ़ाने में मदद करेगा। इसके लिए स्पेशल फंड्स देने से भारतीय फैक्टरीज या मैन्यूफैक्चर प्लांट को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरर बनने में मदद मिलेगी। इससे भारत अगले तीन वर्षों में दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब बन सकता है।”
पंकज मोहिंद्रू, चेयरमैन, ICEA:
पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “भारतीय कंपनियों के लिए सरकार को एक ऐसा स्पेशल पैकेज बनाना चाहिए जिससे ये कंपनियां वैश्विक अवसरों का लाभ उठा सकें। साथ ही सरकार को एक ऐसा फ्रेमवर्क बनाने की भी जरुरत है जिससे टेक्नोलॉजी क्षेत्र में घरेलू कंपनियां का योगदान बढ़ सके। इसके बाद ही ये भारतीय कंपनियां ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना पाएंगी। ICEA ने सिफारिश की है कि आईटी अधिनियम की धारा 80 आईए के तहत 10 साल के टैक्स हॉलिडे को बढ़ाकर 15 से 20 साल के बीच लाना चाहिए।”
योगेश भाटिया, MD, Detel:
योगेश भाटिया ने कहा, “इंडस्ट्री रिपोर्ट के मुताबिक, 10 करोड़ से अधिक परिवार आज भी टीवी से वंचित हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि देश में एलईडी टेलीविजन के विकास के लिए 40 इंच तक के टीवी पर जीएसटी को 5 फीसद कम कर देना चाहिए। यह कदम निश्चित रूप से उपभोक्ता की भावनाओं में सुधार करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि 40 इंच के टीवी डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा प्रोडक्ट है। लक्जरी टेलीविजन सेगमेंट में, हम उम्मीद कर रहे हैं कि 43 इंच से 55 इंच तक के टीवी पर जीएसटी को 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद तक हो जाए।”
यह भी पढ़ें:
Oneplus ने Apple को किया ट्रोल, Siri ने भारत के नंबर 1 प्रीमियम स्मार्टफोन के सवाल का दिया ये जवाब
FDI के नए नियमों से Amazon-Flipkart सदमें में, सरकार से मांगी 6 महीनों की मोहल्लत
आप भी करते हैं e-Wallets का इस्तेमाल, हो जाएं सावधान, 28 फरवरी से बंद हो सकती है सर्विस