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नए स्पेक्ट्रम बैंड के मूल्य निर्धारण पर ट्राई ने शुरू किया परामर्श, यहां जानें डिटेल

स्पैक्ट्रम के मूल्य निर्धारण वैधता और भुगतान शर्तों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ट्राई ने एक परामर्श पत्र जारी किया था। इनमें मोबाइल सेवाओं के लिए नए तीन स्पेक्ट्रम बैंड - 37-37.5 गीगाहर्ट्ज 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज की नीलामी शामिल है जिसके लिए स्टॉकहोल्डर्स से उनके विचार मांगे गए हैं। आइये इनके बारे में जानते हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Published: Thu, 04 Apr 2024 04:30 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2024 04:30 PM (IST)
नए स्पेक्ट्रम बैंड के मूल्य निर्धारण पर ट्राई ने शुरू किया परामर्श, यहां जानें डिटेल

पीटीआई, नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने गुरुवार को मोबाइल सेवाओं के लिए नए तीन स्पेक्ट्रम बैंड - 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज की नीलामी पर स्टॉकहोल्डर्स के विचार मांगे। इन स्पैक्ट्रम के मूल्य निर्धारण, वैधता और भुगतान शर्तों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एजेंसी ने एक परामर्श पत्र जारी किया था।

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यह पहली बार है कि 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज में तीन स्पेक्ट्रम बैंड नीलामी के लिए प्रस्तावित किए जा रहे हैं। यह प्रस्ताव भविष्य में 5G सेवाओं के लिए 4,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराएगा।

ब्लॉक बैंड से अलग हैं स्पेक्ट्रम बैंड

ये ब्लॉक बैंड - 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज से अलग हैं, जिन्हें 6 जून को होने वाली आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में ब्लॉक में रखा जाएगा।

प्रेस रिलीज में बताया गया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज आईएमटी के लिए पहचाने गए 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।

परामर्श पत्र में ट्राई ने इन नए बैंडों में स्पेक्ट्रम की नीलामी की विभिन्न बारीकियों पर उद्योग की राय मांगी है, जिसमें मूल्य निर्धारण, वैधता, पसंदीदा ब्लॉक आकार, स्पेक्ट्रम कैप, रोलआउट दायित्व और अन्य नियम और शर्तें शामिल हैं।

कुल मिलाकर, इन श्रेणियों में प्रत्येक लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र (LSA) में 4,000 मेगाहर्ट्ज आवृत्ति स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा। जबकि मोबाइल सेवाओं के लिए  37-37.5 गीगाहर्ट्ज बैंड काम करेगा। अन्य दो बैंड 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज मोबाइल और सैटेलाइट गेटवे लिंक के लिए काम करेंगे। 

ट्राई ने उद्योग जगत से परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दों पर 2 मई, 2024 तक लिखित टिप्पणियां और 16 मई, 2024 तक प्रति-टिप्पणियां देने को कहा है।

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परामर्श पत्र में हैं ये सवाल

ट्राई ने पूछा कि  क्या प्रत्येक फ्रीक्वेंसी में संपूर्ण उपलब्ध स्पेक्ट्रम 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज की रेंज में है, इसे आईएमटी के लिए नीलामी में रखा जाना चाहिए। यदि आपकी राय है कि कोई भी फ्रीक्वेंसी इसमें पूछा गया, 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज रेंज को बाद की तारीख में नीलामी के लिए रखा जाना चाहिए। आईएमटी के लिए ऐसे फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी की समयसीमा क्या होनी चाहिए।

ट्राई ने यह भी पूछा कि क्या इन फ्रीक्वेंसी रेंज में स्पेक्ट्रम को 20 साल की वैधता अवधि या छोटी वैधता अवधि के लिए आवंटित किया जाना चाहिए, जैसा कि मौजूदा फ्रीक्वेंसी बैंड में प्रचलित है। 

परामर्श पत्र में ट्राई द्वारा उठाए गए अन्य प्रश्न हैं कि क्या इन रेडियोतरंगों को मौजूदा लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों (एलएसए) के लिए एक्सेस सेवा (यानी दूरसंचार सर्कल / महानगर) के लिए आवंटित किया जाना चाहिए, या इसे छोटे सेवा क्षेत्रों के लिए आवंटित किया जाना चाहिए।

इसके अलावा यह सवाल उठाया गया कि क्या 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में स्पेक्ट्रम का मूल्य स्पेक्ट्रल दक्षता कारक का उपयोग करके किसी अन्य बैंड में स्पेक्ट्रम के निर्धारित मूल्य/मूल्य को नीलामी से जोड़कर प्राप्त किया जा सकता है।

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