TikTok पर ट्रंप की रहम का दिखा असर, Google Play Store और Apple App Store पर हुई वापसी
सोशल मीडिया ऐप TikTok की अमेरिका में वापसी हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटोक को 75 दिनों की राहत दी थी जिसके बाद यह ऐप Google Play Store और Apple App Store में वापस से आ गया है। अमेरिकी सरकार का टिकटोक से कहना है कि अगर वे इसका संचालन जारी रखना चाहते हैं तो इसे किसी अमेरिकन कंपनी को बेच दें।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने पॉपुलर सोशल मीडिया ऐप TikTok की वापसी हो गई है। इस ऐप को राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते बैन कर दिया गया था। टिकटोक का स्वामित्व चाइनीज कंपनी ByteDance के पास है। अमेरिका का दावा था कि यह ऐप यूजर्स का डेटा स्टोर करता है। चीन इस डेटा का यूज अमेरिकी नागरिकों की जासूसी और वहां जनमत को प्रभावित करने के लिए कर सकता है। इन्हीं आरोपों चलते ऐप को 2025 की शुरुआत में गूगल और एपल के ऐप स्टोर से हटा दिया गया था।
TikTok की वापसी कैसे हुई?
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में टिकटोक पर लगे बैन को 75 दिनों के लिए रोकने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद से टिकटोक ऐप की अमेरिका में फिर से वापसी हुई है। अब Apple और Google ने TikTok को फिर से अपने ऐप स्टोर में इस ऐप को उपलब्ध कराया। हालांकि, टिकटोक पर लगा यह बैन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। यह ByteDance के लिए अस्थायी राहत है।
TikTok का क्या होगा?
TikTok से बैन हटाने के बावजूद, अमेरिकी सरकार का ByteDance से कहना है कि वह TikTok की ओनरशिप किसी अमेरिकन कंपनी को दे या फिर इस ऐप को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। अमेरिका का कहना है कि यदि कंपनी इस बैन का उल्लघंन करती है तो टिकटोक पर प्रति यूजर 5000 डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अमेरिकी सरकार से समझौता भी संभव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाइटडांस को एक और ऑफर दिया है। इसके मुताबिक TikTok का अमेरिका में ऑपरेशन जॉइंट वेंचर से चलाया जा सकता है। इसके लिए कंपनी को किसी अमेरिकी कंपनी के साथ पार्टनरशिप करनी होगी। हालांकि, इसके लिए चीन की भी स्वीकृति जरूरी होगी। ट्रंप ने धमकी भरे लहजे से यह भी कहा कि अगर चीन इस समझौते को नहीं मानता है तो उसे आर्थिक प्रतिबंधों का सामने करना पड़ सकता है।
भारत में भी बैन हैं TikTok
TikTok कई देशों में विवादों में घिरा रहा है। भारत ने 2020 में इस ऐप को पूरी तरह बैन कर दिया था। इसके साथ ही यूरोपीय संघ भी इस ऐप के डेटा सिक्योरिटी मानकों पर जांच कर रही है।
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