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ChatGPT में हैं कई खामियां, जानिए इनके बारे में जो उसे नहीं बना सकती मनुष्य की तरह

ChatGPT के लिए कहा जा रहा है कि यह मनुष्य की जगह ले लेगा। लेकिन अब इस पर कुछ शोध किए गए हैं जो इसमें कई खामियाँ बता रहे हैं। जानिए ChatGPT की सभी खामियों के बारे में। (PC- Jagran file photo)

By Kritarth SardanaEdited By: Kritarth SardanaPublished: Sat, 04 Feb 2023 10:26 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 10:26 PM (IST)
ChatGPT में हैं कई खामियां, जानिए इनके बारे में जो उसे नहीं बना सकती मनुष्य की तरह
ChatGPT photo credit - Jagran file photo

नई दिल्ली, टेक डेस्क। ChatGPT एक कंप्यूटर प्रोग्राम है, जो आजकल बेहद लोकप्रिय हो रहा है। अपने फीचर्स से ये सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ChatGPT आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिये खबर, निबंध, कहानी के साथ कविता भी लिखने का दमखम रखता है।

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अपने इन्हीं सब फीचर्स के कारण कुछ लोग यहाँ तक दावा करने लगे हैं कि चैट जीपीटी मनुष्य की जगह ले लेगा। लेकिन अब कुछ एक्सपर्ट्स ने ChatGPT में शोध कर इसमें कई खामियाँ भी निकाली है। इससे यह कह सकते हैं कि मनुष्य की जगह लेना इतना आसान नहीं है।

ChatGPT में मिलती हैं ये खामियाँ

1. वाक्यांश का उपयोग गैर-मानव के रूप में करना- यह किसी वाक्यांश का उपयोग मानव की तरह नहीं, एक मशीन की तरह ही करता है। मशीन से उत्पन्न सामग्री का पता लगाने के तरीके का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने ऐसे पैटर्न खोजे हैं, जो इसे अप्राकृतिक बनाते हैं। इनमें से एक विचित्रता यह है कि एआई मुहावरों के साथ कैसे संघर्ष करता है। 2022 में छपे शोध पत्र के अनुसार, कंटेंट के भीतर मुहावरों की कमी इस बात का संकेत देती है कि इस कंटेंट को किसी मनुष्य ने नहीं, बल्कि मशीन ने तैयार किया है।

2 ChatGPT में अभिव्यक्ति की क्षमता का अभाव- ChatGPT मनुष्य की तरह कुछ अनुभव नहीं करता। इसी कारण वो मनुष्य की तरह अपने विचार प्रस्तुत नहीं कर सकता। यह आउटपुट कला की नकल करता है, लेकिन कलात्मक अभिव्यक्ति के वास्तविक गुणों से काफी दूर है। यह ऐसी सामग्री का उत्पादन नहीं कर सकता है, जो लोगों को भावनात्मक रूप से उसी स्तर पर छू सके, जैसा कि एक मानव कर सकता है,क्योंकि इसमें कोई वास्तविक विचार या भावना नहीं होती है।

3 ChatGPT अंतर्दृष्टि (insights) उत्पन्न नहीं करता- एक रिपोर्ट के अनुसार, कहा गया है कि चैटजीपीटी द्वारा उत्पन्न अकादमिक निबंधों में विषय के बारे में अंतर्दृष्टि की कमी है। ChatGPT विषय का सार प्रस्तुत करता है लेकिन विषय में एक अद्वितीय अंतर्दृष्टि प्रदान नहीं करता है। वहीं, मनुष्य कोई निबंध अपने ज्ञान के साथ व्यक्तिगत अनुभव और व्यक्तिपरक धारणाओं के माध्यम से भी बनाता है ।

4. ChatGPT सीधे सवालों के जवाब नहीं देता- जनवरी 2023 में प्रकाशित एक शोध पत्र ने चैटजीपीटी सामग्री में पैटर्न की खोज की। इस शोध से पता चला है कि मनुष्यों ने वित्त और मनोविज्ञान से संबंधित 50 प्रतिशत से अधिक सवालों के जवाब चैटजीपीटी से किए। लेकिन चैटजीपीटी चिकित्सा प्रश्नों का उत्तर देने में विफल रहा, क्योंकि मनुष्य सीधे उत्तर पसंद करते हैं, लेकिन AI ऐसा नहीं कर सकता।

5 ChatGPT के विचार मनगढ़त होते हैं- यह पाया गया है कि चैटजीपीटी के विचार मनगढ़ंत होते हैं, क्योंकि उसके पास मनुष्य की तरह किसी एक चीज़ में प्रोफेशनल ज्ञान नहीं है।  

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