14 फरवरी को सूरज बढ़ा सकता है दिल की धड़कन, जानिए कैसे
14 फरवरी को भले ही दुनिया वेलेंटाइन डे माना रही होगी लेकिन वैज्ञानिकों का ध्यान तो सूरज से निकलने वाली X1 श्रेणी की तरफ ही रहेगा। हालांकि इस घटना से निकलने वाले नए-नए auroras खगोलविदों के साथ स्काईवॉचर्स को भी आकर्षित कर सकते हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। हाल ही में सूर्य में से एक X1 श्रेणी का शक्तिशाली बड़ा सौर प्रज्ज्वलन जारी हुआ है। वैज्ञानिक भाषा में इसे Coronol Mass Ejections (CME) कहा जाता है। यह दिखने में बड़े बादल जैसे होते हैं। इनका पृथ्वी की ओर आने पर एक विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता था। हालांकि, ऐसा कुछ हुआ नहीं, लेकिन अभी यह भी नहीं कहा जा सकता कि हम सुरक्षित हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि इसका एक छोटा हिस्सा अभी भी आर्कटिक के पास से 14 फरवरी को पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना से नए-नए auroras खगोलविदों और स्काईवॉचर्स को देखने को मिल सकते हैं। अब इनमें से ज़्यादातर CME पृथ्वी के उत्तर से गुजरेंगे, जिस कारण 14 फरवरी को रोशनी का एक विशाल झटका लग सकता है।
इस घटना को वैज्ञानिक लोग जहां अपने अनुसार परखेंगे, वहीं आर्कटिक स्काई वॉचर्स को वेलेंटाइन डे के अवसर पर एक लाइट शो देखने को मिल सकता है। जिस कारण इस घटना का अब खगोलविदों के साथ स्काईवॉचर्स को भी इंतज़ार रहेगा।
ऐसा कहा जा रहा है कि X1 श्रेणी की फ्लेयर छोड़ने के कुछ ही घंटे बाद सूर्य ने अपने नॉर्दर्न हेमिस्फेयर में चुंबकत्व (magnetism) के एक तंतु (फ़िलामेंट) को उगल दिया जिसने एक CME को अंतरिक्ष में फेंक दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार X1 क्लास सोलर फ्लेयर ने सभी का ध्यान अपनी ओर तो आकर्षित किया लेकिन इसने सीएमई का उत्पादन नहीं किया। हालांकि एक और विस्फोट जरूर हुआ, X फ्लेयर से पांच घंटे पहले सूर्य के उत्तरी गोलार्ध (northern hemisphare)से चुंबकत्व का एक फिलामेंट फूटा जिसने एक सीएमई (CME) को अंतरिक्ष में फेंक दिया।
Coronol Mass Ejections होता क्या है
Coronol Mass Ejections एक बड़े बादल होते हैं, जिनमें ऐसे Photons होते हैं जो सूर्य से निकलते हैं। हालांकि ये बादल किसी भी दिशा में फटकर, उस दिशा में आगे भी बढ़ सकते हैं।
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