Telecom Plans Hike: प्रीपेड प्लान फिर होंगे महंगे...दिसंबर में 15% तक बढ़ोतरी की तैयारी में टेलीकॉम कंपनियां?
टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर प्रीपेड प्लान्स की कीमतें बढ़ाने की तैयारी में हैं। रिलायंस Jio को छोड़कर, अन्य दिग्गज ऑपरेटर्स कीमतें बढ़ा सकते हैं। इंडस्ट् ...और पढ़ें

Telecom Plans Hike: प्रीपेड प्लान फिर होंगे महंगे...दिसंबर में 15% तक बढ़ोतरी की तैयारी में टेलीकॉम कंपनियां?
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। एक बार फिर भारत में टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों की जेब पर असर डाल सकती हैं। जी हां हालिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि रिलायंस Jio को छोड़कर लगभग सभी दिग्गज टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने प्रीपेड प्लान्स की कीमतें बढ़ाने की तैयारी में हैं। इंडस्ट्री एनालिस्ट का भी कहना है कि दिसंबर में सेक्टर-वाइड औसतन 15 परसेंट तक का बड़ा टैरिफ हाइक देखने को मिल सकता है, जिससे कंपनियों को अपने प्रॉफिट मार्जिन बेहतर करने में मदद मिलेगी। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
टैरिफ क्यों बढ़ रहे हैं?
रिपोर्ट्स के मुताबिक सितंबर तिमाही में टेलीकॉम सेक्टर का रेवेन्यू ग्रोथ सिर्फ 10% रहा है, जबकि इससे पहले लगातार 4 तिमाहियों में ये रेवेन्यू ग्रोथ 14 से 16% तक दर्ज किया गया था। ऐसे में अनलिस्ट्स का मानना है कि दिसंबर तिमाही में रेवेन्यू और वीक हो सकता है, इसलिए कंपनियां टैरिफ हाइक साइकिल स्टार्ट कर सकती हैं। कम इन्फ्लेशन और बड़े चुनाव न होने की वजह से ये टाइम टैरिफ बढ़ोतरी के लिए कंपनियों के लिए अच्छा माना जा रहा है।

Vi ने महंगे किए प्लान्स
आपको बता दें कि Vodafone Idea ने अपने पॉपुलर प्लान्स की कीमतों में पहले ही बढ़ोतरी कर दी है। कंपनी ने अपने 1,999 रुपये वाले एनुअल प्लान को अब लगभग 12% महंगा कर दिया है। जबकि 509 रुपये वाले प्लान की कीमत में लगभग 7% की बढ़ोतरी की है।
कंपनी ने यह भी बताया है कि उसका एनुअल प्लान पुराने और लॉयल कस्टमर्स के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर है। Vi ने पहले ही संकेत दिया था कि अगली बड़ी हाइक पिछली की तरह ही देखने को मिलेगी। हालांकि इस बार तो ये गैप करीब 15 महीनों का देखने को मिला।
Airtel और BSNL ने उठाया ये कदम
एक तरफ Airtel ने अपने बेसिक 189 रुपये वाले कॉलिंग प्लान को 10 रुपये महंगा कर दिया है, तो दूसरी तरफ BSNL ने कीमत तो नहीं बढ़ाई लेकिन इसके बजाय कई प्रीपेड पैक्स की वैलिडिटी को कम कर दिया है, जिससे कंपनी रेवेन्यू बढ़ाना चाहती है। अगर सीधे-सीधे कहें तो ये फैसला बढ़ती लागत और कम रेवेन्यू ग्रोथ के चलते लिया जा रहा है।

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