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ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए SBI ने बताए ये 4 टिप्स, निजी जानकारी नहीं होगी लीक

बैंक ने कुछ तरीके बताए हैं जिससे ऑनलाइन फ्रॉड से बचा जा सकता है। SBI ने ग्राहकों को फिशिंग ई-मेल और जाली वेबसाइट से सतर्क रहने को कहा है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 06:46 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 11:16 AM (IST)
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए SBI ने बताए ये 4 टिप्स,  निजी जानकारी नहीं होगी लीक
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए SBI ने बताए ये 4 टिप्स, निजी जानकारी नहीं होगी लीक

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। बैंकों में ऑनलाइन घोखाधड़ी और फिशिंग को रोकने के लिए SBI ने अपने ग्राहकों को ऑनलाइन फ्रॉड से सावधान किया है। इसके लिए बैंक ने कुछ तरीके बताए हैं जिससे ऑनलाइन फ्रॉड से बचा जा सकता है। SBI ने ग्राहकों को फिशिंग ई-मेल और जाली वेबसाइट से सतर्क रहने को कहा है।

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फिशिंग ई-मेल और जाली वेबसाइट:

अगर कभी आपको ऐसे ई-मेल मिलते हैं जो आपसे आपकी निजी जानकारी मांगते या फिर ऐसे ई-मेल जिस पर आपको संदेह हो, तो इन्हें बिल्कुल क्लिक न करें। इस तरह के मेल आपको जाली वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करते हैं। ऐसे ई-मेल को डिलीट कर दें। वहीं, अगर SBI के नाम से संदेहजनक ई-मेल आते हैं तो उसकी शिकायत report.phishing@sbi.co.in. पर कर दें।

पॉपअप विंडो/विज्ञापन:

अगर ब्राउजर में काम करते समय कोई पॉप-अप खुलता है तो उन्हें पॉपअप विंडो/विज्ञापन कहते हैं। अगर आप इस तरह के किसी भी पॉप-अप पर क्लिक करते हैं तो आपकी निजी जानकारी चोरी हो सकती है या फिर आपके सिस्टम या डिवाइस में वायरस आ सकता है। वहीं, इनसे स्पाईवेयर या एडवेयर का भी खतरा होता है।

विशिंग:

कई बार ऐसे ई-मेल भी भेजे जाते हैं जो लोगों को अलग-अलग तरह के पुरस्कार का लालच देते हैं। यह सब लोगों की गोपनीय, व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी तक पहुंचने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि सोशल इंजीनियरिंग और वॉइस ओवर आईपी (वीओआईपी) का प्रयोग करना विशिंग कहलाता है।

आसान भाषा में समझा जाए तो यह एक आटोमेटिक सिस्टम या वास्तविक व्यक्ति के माध्यम से कराया गया कॉल होता है। इस कॉल में किसी व्यक्ति के खाते में कुछ समस्या का जिक्र किया जाता है। साथ ही बैंक खाता, कार्ड ब्यौरा आदि से संबंधित जानकारी अपडेट करने के लिए भी कहा जाता है। इसे ही विशिंग कहते हैं।

स्मिशिंग:

स्मिशिंग में व्यक्ति को एसएमएस मिलता है। इसमें ऑनलाइन सेवा के लिए पंजीकरण करने को कहा जाता है। इसके जरिए व्यक्ति की डिवाइस में वायरस डाला जाता है। कुछ संदेश यह चेतावनी भी देते हैं कि यदि उपभोक्ता अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी एक वेबसाइट में अपडेट नहीं करते हैं तो उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है।

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