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सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले सौ बार सोचें, वीजा मिलने में आ सकती है परेशानी

सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है और आपको वीजा मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है

By Harshit HarshEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 11:34 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। अगर, आप देश से बाहर जाना चाहते हैं और वीजा के लिए अप्लाई किया है को सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले सौ बार सोचें। अगर, आप सोशल मीडिया पर कुछ भी ऐसा पोस्ट करते हैं जिससे किसी को तकलीफ हो या फिर कुछ उल्टा-सीधा पोस्ट कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। आजकल कई देशों की सुरक्षा एजेंसियां और इमीग्रेशन डिपार्टमेंट वीजा देने से पहले अपलिकेंट (आवेदक) का सोशल मीडिया प्रोफाइल स्कैन करता है। अगर, उनको अपलिकेंट के प्रोफाइल में कोई भी भड़काउ पोस्ट दिख जाता है तो वीजा नहीं दिया जाता है।
 
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी कर सकते हैं स्कैन
 
इसके साथ ही अमेरिकी ऑथोरिटी को आपके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को स्कैन करने का भी अधिकार मिला हुआ है। जिसमें आपके सेलफोन से लेकर लैपटॉप तक शामिल हैं। ग्लोबल लॉ फर्म बेरी ऐपलमैन एंड लीडन (BAL) से मिली एक श्वेत पत्र के मुताबिक अमेरिकी बार्डर ऑफिशियल्स ने 2017 में 30,200 से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को स्कैन किया है जो 2016 की तुलना में 58 फीसद ज्यादा है। वहीं, 2015 में 8,500 से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को स्कैन किया गया है। बिना किसी क्रिमिनल कंडक्ट के तहत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की बेसिक जांच की जाती है। अगर सिक्योरिटी ऑफिशियल्स को जरा सा भी देश की सुरक्षा से खतरा लगता है तो इनकी एडवांस सर्चिंग भी की जाती है, जिसमें इन डिवाइस को फॉरेंसिल लैब में ले जाया जाता है। 
 
लॉ फर्म ने दी कंपनियों को सलाह
 
बेरी ऐपलमैन एंड लीडन (BAL) ने दुनियाभर की कंपनियों को सलाह दी है कि वो अपने कर्मचारियों को बेहतर तैयारी के साथ भेजें। बेहतर तैयारी के साथ वे सिक्योरिटी ऑफिशियल्स के सवालों का आसानी से जबाब दे देते हैं और कोई उलझन नहीं होती है। वर्तमान अमेरिकी नियम के मुताबिक, बिना वारंट के भी सुरक्षा अधिकारी आपके डिवाइस का डाटा स्कैन कर सकते हैं। इसके साथ ही क्लाउड डाटा को भी स्कैन करने का पूरा अधिकार है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, यूके और अमेरिका में अधिकारी सोशल मीडिया प्रोफाइल भी स्कैन करते हैं।
 
जानकारी मैच न होने पर रद्द हो सकता है आवेदन
 
उदाहरण के तौर पर अगर आपने कनाडा जाने के लिए वीजा का आवेदन किया है और आवेदन में दी गई जानकारी आपके सोशल मीडिया में दर्ज जानकारी से मैच नहीं करती है तो आपको वीजा मिलने में परेशानी आ सकती है। आपके सो़शल मीडिया में पता, पत्नी का नाम आदि नहीं मिलता है तो वीजा देने से पहले ऑथोरिटी आपको साक्षात्कार (इंटरव्यू) के लिए बुलाता है। सारी जानकारी के बारे में कंफर्म होने के बाद ही आपको वीजा दिया जाता है। हम यह कह सकते हैं कि सोशल मीडिया की जानकारी के आधार पर वीजा जारी करने वाले अधिकारी आपका आवेदन रद्द भी कर सकते हैं। पिछले साल अमेरिका वीजा देने से पहले अधिकारियों ने आवेदक के पिछले 5 साल के सोशल मीडिया प्रोफाइल को स्कैन किया था।
 

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