अब फेस और फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन से भी होंगे UPI पेमेंट, फ्रॉड रोकने में प्रभावी; बुजुर्गों को होगी आसानी
NPCI ने मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में UPI पेमेंट्स के लिए नया बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लॉन्च किया है। ये ऑन-डिवाइस फीचर PIN की जगह लेगा और ज्यादा सुरक्षित फास्ट और आसान अनुभव देगा। इससे सीनियर सिटीजन्स और नए यूजर्स के लिए ऑनबोर्डिंग भी आसान होगी। RBI ने भी बढ़ते फ्रॉड को देखते हुए ऐसे अल्टरनेट ऑथेंटिकेशन को बढ़ावा देने की सिफारिश की थी।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 7 अक्टूबर को मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के दौरान UPI पेमेंट्स के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लॉन्च किया है। ये नया फीचर ऑन-डिवाइस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के जरिए काम करेगा और अब तक इस्तेमाल हो रहे PIN सिस्टम की जगह ले सकेगा। अप्रैल 2016 में लॉन्च हुए इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा सिक्योरिटी अपग्रेड माना जा रहा है।
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नगराजू एम. ने इस सर्विस की शुरुआत की। NPCI के मुताबिक, ये फीचर ट्रेडिशनल PIN-बेस्ड ऑथेंटिकेशन से ज्यादा सीमलेस, सुरक्षित और आसान अनुभव देगा। कुछ पब्लिकेशन पहले रिपोर्ट किया था कि NPCI कई स्टार्टअप्स से इस तकनीक को UPI में लाने के लिए बातचीत कर रहा था।
PIN से बेहतर सुरक्षा
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल न सिर्फ UPI ट्रांजैक्शन बल्कि UPI PIN सेट या रीसेट करने और ATM से कैश निकालने के लिए भी किया जा सकेगा।
ये फीचर ऑप्ट-इन बेसिस पर उपलब्ध होगा, यानी यूजर्स चाहें तो इसे अपने लिए एक्टिवेट कर सकते हैं। NPCI के बयान के मुताबिक, 'हर ट्रांजैक्शन को इशूइंग बैंक द्वारा अलग से क्रिप्टोग्राफिक चेक्स से वेरिफाई किया जाएगा, जिससे सुरक्षा का उच्चतम स्तर बना रहेगा और अनुभव स्मूद रहेगा।”
सीनियर सिटीजन्स और नए यूजर्स के लिए आसान
UPI पेमेंट्स में बायोमेट्रिक सिस्टम की शुरुआत से सीनियर सिटीजन्स और पहली बार UPI यूज़ करने वालों के लिए ऑनबोर्डिंग आसान हो जाएगी।
NPCI ने बताया, 'अब तक UPI PIN बनाने के लिए डेबिट कार्ड डिटेल्स या आधार OTP वेरिफिकेशन जरूरी था। लेकिन अब आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन से यह प्रोसेस और भी तेज, आसान और कार्ड के बिना संभव हो जाएगा।'
UPI में पहले फैक्टर ऑथेंटिकेशन मोबाइल डिवाइस से SMS वेरिफिकेशन के जरिए होता है, जबकि PIN दूसरे फैक्टर के रूप में काम करता है।
सिक्योरिटी और फ्रॉड से जुड़ी चिंताएं
हालांकि, ये पहल तीन साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन RBI की PIN रिलेटेड फ्रॉड के चलते होने वाले UPI स्कैम्स से बढ़ती चिंता के चलते इसे अब तेजी से लागू किया गया है।
RBI ने सभी वित्तीय संस्थानों को PIN और OTP से हटकर नए सेकंड-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, जैसे बायोमेट्रिक्स और बिहेवियरियल रिस्क पैटर्न्स, अपनाने की सलाह दी है, ताकि बढ़ते UPI फ्रॉड्स को रोका जा सके।
कई सालों से हो रही थी तैयारी
2021 में NPCI ने PayAuth चैलेंज नाम का एक हैकथॉन आयोजित किया था, जिसमें स्टार्टअप्स से अल्टरनेटिव ऑथेंटिकेशन मेथड्स डेवलप करने को कहा गया था। विनर्स में Tech5, Juspay, MinkasuPay और Infobip शामिल थे।
इन स्टार्टअप्स ने अपने प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (POC) को UPI Steering Committee (जिसमें कई बैंक और UPI ऐप्स शामिल हैं) के सामने पेश किए थे। बैंकों ने MinkasuPay के समाधान को प्राथमिकता दी क्योंकि इसमें बैंकों को अपने सिस्टम में बड़े बदलाव नहीं करने पड़े।
मौजूदा वक्त में UPI देश का सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है, जो कुल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स का लगभग 85 प्रतिशत कंट्रोल करता है। हर महीने लगभग 20 बिलियन ट्रांजैक्शंस, जिनकी वैल्यू 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होती है, UPI के जरिए पूरी की जाती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।