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    New Telecom Rules: स्पैम कॉल और मैसेज पर बढ़ी TRAI की सख्ती, टेलीकॉम कंपनियों पर भी बढ़ाया जुर्माना

    टेलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने स्पैम कॉल और मैसेज को लेकर सख्त रुख अपनाया है। ट्राई ने बीते माह पहले इन पर लगाम लगाने के लिए नए नियम लागू किए थे। इसके तहत ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों और स्पैमर्स पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया है। टेलीकॉम कंपनियों से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी वसूला जा सकता है।

    By Subhash Gariya Edited By: Subhash Gariya Updated: Mon, 17 Feb 2025 09:00 PM (IST)
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    स्पैम कॉल और मैसेज पर ट्राई सख्त

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कुछ माह पहले ही में टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR), 2018 में संशोधन किए थे। इसका मकसद अवांछित स्पैम कॉल और प्रमोशनल मैसेज पर लगाम लगाना था। इसके तहत इन नियमों का पालन न करने वाले टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर भारी जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है।

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    TRAI का कहना था कि नए नियम लागू करने से पहले सभी हितधारकों की राय ली गई थी। वहीं, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने इन नए नियमों की जमकर आलोचना की है, खासकर टेलीकॉम कंपनियों पर लगने वाले जुर्माने को लेकर।

    COAI की आपत्ति

    सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने TRAI के इस संशोधन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने टेलीकमार्केटर्स पर सख्ती मांग की है। इसके साथ ही COAI ने ओवर-द-टॉप (OTT) सर्विस देने वाली ऐप्स के लिए ऐसे ही सख्त नियमों की मांग की है। एसोसिएशन का मानना है कि इन प्लेटफॉर्म्स से स्पैम कॉल-मैसेज में तेजी वृद्धि हुई है।

    यह भी चिंताजनक है कि TRAI ने टेलीकॉम कंपनियं पर लगने वाले आर्थिक दंड (Financial Disincentives - FD) को काफी बढ़ा दिया है। COAI का मानना है कि टेलीकॉम ऑपरेटर केवल मध्यस्थ (intermediary) के रूप में कार्य करते हैं, इसलिए उन पर जुर्माना लगाना अनुचित है। इसके बजाय, इन दंडों को टेलीमार्केटर्स और व्यावसायिक संस्थाओं पर लागू किया जाना चाहिए, जो वास्तव में ऐसे कॉल मैसेज के सोर्स और बेनिफिशियरी हैं।

    एसपी कोचर, COAI के महानिदेशक

    क्या कहते हैं ट्राई के नए नियम

    TRAI ने नए नियमों में टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ट्राई का कहना है कि शिकायत दर्ज कराने के लिए तीन दिन के बजाय 7 दिन का वक्त दिया जाना चाहिए।

    • टेलीकॉम ऑपरेटरों को शिकायत पर काम करने के लिए 30 दिन के बजाय सिर्फ 5 दिन मिलेंगे।
    • किसी भी स्पैमर पर कार्रवाई करने के लिए अब 10 दिनों में 10 शिकायतों की बजाय 10 दिनों में सिर्फ 5 शिकायतें पर्याप्त होंगी।
    • टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को सभी प्रकार के प्रमोशनल संदेशों से पूरी तरह बाहर निकलने (opt-out) का विकल्प देना होगा।
    • मैसेज की पहचान को आसान बनाने के लिए अब हेडर में P - प्रमोशनल, S - सर्विस, T - ट्रांजेक्शनल और G - सरकारी का टैग जोड़ा जाएगा।
    • टेलीमार्केटिंग के लिए 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर की जगह 140 और 1600 सीरीज वाले नंबरों का ही उपयोग किया जाए।

    स्पैमर्स पर ट्राई का सख्त रुख

    TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को संभावित स्पैमर्स की पहचान करने के लिए SMS और कॉल पैटर्न विश्लेषण के साथ-साथ हनीपॉट टेक्नीक का यूज करने को कहा है। इसके साथ ही टेलीकॉम कंपनियों के यह सुनिश्चित करना होगा कि यूजर्स को मिलने वाले सभी मैसेज पूरी तरह से ट्रेसेबल हों।

    स्पैमर्स पर होगी कार्रवाई

    • पहली बार उल्लंघन करने पर 15 दिनों के लिए आउटगोइंग सेवाएं बंद की जाएंगी।
    • बार-बार उल्लंघन करने वालों की सेवाएं एक वर्ष के लिए पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी।

    टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माना

    TRAI के नए नियमों के मुताबिक, जो भी टेलीकॉम ऑपरेटर इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन पर भारी आर्थिक दंड लगाया जाएगा।

    • पहली बार उल्लंघन करने पर ₹2 लाख का जुर्माना।
    • दूसरी बार उल्लंघन करने पर ₹5 लाख का जुर्माना।
    • बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

    इसके अलावा, जो टेलीमार्केटर्स इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनकी सिक्योरिटी डिपोजिट को जब्त कर लिया जाएगा।

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