Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    New SIM Card Rule: अब सिम कार्ड खरीदना नहीं होगा पहले जैसा आसान, पूरी करनी होंगी ये शर्तें

    साइबर अपराधियों से निपटने के लिए सरकार काफी पहले से प्रयास कर रही है। अब सिम कार्ड्स को लेकर बड़ी खबर आई है कि टेलीकॉम विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को डिजिटल इंटिग्रेटिड वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि पिछले महीने प्रधानमंत्री कार्यालय ने दूसरसंचार विभाग को कई निर्देश दिए थे। आइए जानते हैं डिटेल।

    By Saket Singh Baghel Edited By: Saket Singh Baghel Updated: Fri, 21 Feb 2025 10:52 AM (IST)
    Hero Image
    सरकार की ओर से सिम कार्ड के लिए नया नियम बनाया गया है।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। पिछले महीने प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (PMO) ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) को एक जरूरी निर्देश जारी किया था, जिसमें सभी नए सिम कार्ड कनेक्शन्स के लिए आधार-बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य करने की बात कही गई थी। अब टेलीकॉम विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को डिजिटल इंटिग्रेटिड वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस कदम का उद्देश्य फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए प्राप्त किए गए मोबाइल कनेक्शन्स के बढ़ते दुरुपयोग को रोकना है, जिनका इस्तेमाल अक्सर फ्रॉड और दूसरी आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिम कार्ड्स के लिए अनिवार्य आधार वेरिफिकेशन

    मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले, यूजर्स नए मोबाइल कनेक्शन प्राप्त करने के लिए वोटर ID या पासपोर्ट जैसे किसी भी गवर्नमेंट आईडी का इस्तेमाल कर सकते थे। हालांकि, नए नियमों के तहत, सभी नए सिम कार्ड एक्टिवेशन्स के लिए आधार के जरिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अब अनिवार्य है। रिटेलर्स को इस प्रक्रिया का पालन किए बिना सिम कार्ड बेचने की सख्त मनाही है। इतना ही नहीं ग्राहक के नाम पर कितने सिम कार्ड कनेक्शन हैं, इसकी जांच होगी। साथ ही अगर टेलीकॉम ग्राहक ने अलग-अलग नाम से कनेक्शन लिए हैं, तो उसकी भी जांच अब की जाएगी। ग्राहक की फोटो 10 अलग- अलग एंगल से भी अब लेना होगा।

    फर्जी सिम कार्डों पर सरकार की कार्रवाई

    PMO का फैसला टेलिकॉम सेक्टर की रिव्यू मीटिंग के बाद आया था, जिसमें फाइनेंशियल स्कैम्स में फ्रॉडुलेंट सिम कार्ड्स की भूमिका को हाइलाइट किया गया था। जांच में ऐसी घटनाएं सामने आईं थी जहां कई सिम कार्ड एक ही डिवाइस से लिंक थे, जो टेलिकॉम रेगुलेशन्स का उल्लंघन करते थे और साइबर क्राइम को बढ़ावा देते थे।

    PMO ने DoT को लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसीज के साथ मिलकर काम करने, अपराधियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था। फर्जी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके सिम कार्ड जारी करते पाए जाने वाले रिटेलर्स को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

    नया आदेश साइबर क्राइम से निपटने के सरकार के व्यापक प्रयासों को दर्शाता है। आधार-बेस्ड वेरिफिकेशन लागू करने से, अनवेरिफाइड मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके किए गए फ्रॉड के रिस्क में काफी कमी आने की उम्मीद है। ये निर्देश देश भर में सिम कार्ड जारी करने और ट्रैकिंग पर टाइट कंट्रोल भी सुनिश्चित करता है।

    सेफ मोबाइल कनेक्शन्स की ओर एक कदम

    सख्त गाइडलाइन्स मोबाइल नेटवर्क्स की सिक्योरिटी बनाए रखने और नागरिकों को फ्रॉड से बचाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती है। नए सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए आधार-बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अब एक बेहद जरूरी नियम है, जो सिक्योर टेलिकॉम ऑपरेशन्स के लिए एक मिसाल कायम करता है।

    यह भी पढ़ें: iPhone 16e vs iPhone 16: एपल के नए 'किफायती' iPhone में क्या है खास, कीमत में कितना अंतर?