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    WhatsApp से ऐसी फोटो गलती से भी न करें डाउनलोड, हो सकता है बैंक अकाउंट खाली!

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 11:41 AM (IST)

    अगर आप भी अनजान नंबर से आई किसी भी फोटो को अपने डिवाइस में फौरन डाउनलोड कर लेते हैं तो सावधान हो जाएं। इससे आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। दरअसल स्कैमर्स इन दिनों Steganography नाम की एक खास हैकिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे आपको लाखों का चूना लग सकता है। ऐसे में सेफ रहने के लिए ये सावधानियां बरतें

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    WhatsApp से ऐसी फोटो गलती से भी न करें डाउनलोड

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ वक्त में ऑनलाइन स्कैम के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं और WhatsApp तो स्कैमर्स का पसंदीदा अड्डा बन गया है। जहां स्कैमर्स रोजाना हजारों यूजर्स को टारगेट कर रहे हैं। इसी बीच इन दिनों एक नया स्कैम काफी ज्यादा फैल रहा है जहां सिर्फ एक फोटो डाउनलोड करने पर भी लोगों के अब बैंक अकाउंट खाली हो रहे हैं। जी हां, स्कैमर्स इन दिनों 'Steganography' नाम की एक खास हैकिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों को निशाना बना रहे हैं। इसी तरह की हैकिंग तकनीक का इस्तेमाल करके हाल ही में महाराष्ट्र के एक शख्स को स्कैमर्स ने निशाना बनाया और उसके बैंक अकाउंट से 2 लाख रुपये उड़ा लिए। चलिए पहले ये मामला जानते हैं और इसके बाद Steganography आखिर है क्या इसके बारे में भी जानते हैं।

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    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल, हालिया मामला महाराष्ट्र से सामने आया है जहां 28 साल के एक शख्स ने एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर भेजी गई तस्वीर को डाउनलोड करने के बाद 2 लाख रुपये से ज्यादा खो दिए। अनजान नंबर से मिली तस्वीर एक बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर लग रही थी इसे स्कैमर्स ने स्टेगनोग्राफी नाम की एक खास हैकिंग तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया था। जिसके बाद शख्स ने जैसे ही इस फोटो को डाउनलोड किया तो उसके बैंक अकाउंट से पैसे कट गए।

    Steganography क्या? जिससे हुआ ये स्कैम

    एक्सपर्ट्स ने इस स्कैम के बारे में बताया कि यह लीस्ट सिग्निफिकेंट बिट (LSB) स्टेगनोग्राफी नाम के मेथड का इस्तेमाल करके किया गया। दरअसल, इस तरह के स्कैम में स्कैमर्स फोटो, ऑडियो क्लिप या यहां तक ​​कि PDF जैसे मीडिया फाइल्स के अंदर खतरनाक कोड छिपा कर यूजर्स को भेजते हैं। ये स्टेगनोग्राफी फाइल्स देखने में काफी आम दिखाती हैं लेकिन इनमें मैलवेयर छिपा रहता है और फाइल ओपन करते ही यह एक्टिव हो जाता है।

    63SATS के मैनेजिंग डायरेक्टर नीहार पठारे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि स्टेगनोग्राफी मालिसियस इंस्ट्रक्शंस को पूरा करने के लिए फाइल के अंदर डेटा के सबसे छोटे बिट्स में हेरफेर करता है। खास फोरेंसिक टूल का इस्तेमाल करके ही इसका पता लगाया जा सकता है। इससे यूजर्स और रेगुलर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर दोनों के लिए खतरे को पहचानना मुश्किल हो जाता है।

    बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

    साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ यूजर्स को इस तरह के हमलों का शिकार होने से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं। इनमें अनजान नंबरों से किसी मीडिया फाइल के डाउनलोड से बचना, WhatsApp में ऑटो-डाउनलोड फीचर को बंद करना, डिवाइस को लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच के साथ अपडेट रखना और कभी भी OTP शेयर न करना शामिल है।

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