Microsoft ने लॉन्च किया पहला जेनेरेटिव एआई साइबर सिक्योरिटी असिस्टेंट, ऐसे करेगा काम
Microsoft first generative AI cybersecurity assistant टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने यूजर्स के लिए एआई पर आधारित एक नया टूल पेश किया है। यह कंपनी का पहला जेनेरेटिव एआई साइबर सिक्योरिटी असिस्टेंट है। यह जीपीटी-4 पर आधारित है। (फोटो- जागरण)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने यूजर्स के लिए एक नई पेशकश रखी है। कंपनी ने यूजर्स के लिए सिक्योरिटी कोपाइलेट लॉन्च किया है। यह एक एआई- पावर्ड साइबर सिक्योरिटी असिसटेंट (AI-powered cybersecurity assistant) है।
माइक्रोसॉफ्ट का यह मॉडल यूएस बेस्ड टेक स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई के जेनेरेटिव एआई मॉडल GPT-4 को इस्तेमाल करेगा। इस सुविधा की मदद से विश्लेषक डाटा का बेहतर विश्लेषण कर सकेंगे। यही नहीं, किसी खतरे की स्थिति में विश्लेषक तुरंत जवाब भी दे सकेंगे।
मालूम हो कि कंपनी ने ऑफिस सूट (office suite) के लिए कोपाइलेट को पहले ही पेश कर दिया है। ऑफिस सूट (office suite) के लिए कोपाइलेट इसी महीने के शुरूआ में लाया गया है।
कैसे काम करेगा नया एआई टूल
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा लाई गई नई सुविधा दूसरे एआई-पावर्ड टूल्स की तरह ही काम करती है। यह टूल एक प्रॉप्म्ट बॉक्स के साथ काम करेगा। बॉक्स में रिस्पॉन्स को सवालों के साथ देखा जा सकेगा।
इन रिस्पॉन्स में डाटा ब्रीच और दूसरे सिक्योरिटी इशू को के बारे में जानकारी मिलेगी। सिक्योरिटी कोपाइलेट से सिक्योरिटी के ब्रीच में जानकारी ली जा सकती है। इस सवाल के जवाब के लिए सिस्टम डाटा का विश्लेषण करेगा, जिसके बाद ही पूछे गए सवाल का जवाब एक रिपोर्ट पेश करते हुए दिया जाएगा।
क्यों लाया गया सिक्योरिटी कोपाइलेट
माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी के कॉरपोरेट वाइस प्रेजिडेंट Vasu Jakkal ने सिक्योरिटी कोपाइलेट को लाए जाने की जरूरत के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी कोपिलॉट पहला और एकमात्र जेनेरेटिव एआई सिक्योरिटी प्रोडक्ट है, जिसकी मदद से डिफेंडर को एआई का इस्तेमाल कर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बताया गया कि यह प्रोडक्ट यूजर्स के लिए प्राइवेट प्रीव्यू के जरिए उपलब्ध रहेगा।
थ्रेट सिग्नल को ट्रैक कर खतरे को टालेगा टूल
कंपनी ने सिक्योरिटी कोपाइलेट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह 50 से ज्यादा रैनसमवेयर गैंग्स को ट्रैक कर रहा है। यही नहीं, यह प्रोडक्ट रोजाना 250 से ज्यादा यूनिक नेशन- स्टेट साइबरक्रिमिनल संस्थाओं और 65 ट्रिलियन थ्रेट सिग्नल को ट्रैक कर पाता है। इसके अलावा, यह टेक्नोलॉजी हर सेकंड 25 मिलियन brute-forced पासवर्ड थेफ्ट अटेम्प्ट को ब्लॉक करने में कारगर है।