WhatsApp हैक मामले में मेटा की बड़ी जीत! Pegasus बनाने वाली कंपनी को अब देने होंगे 1400 करोड़ रुपये
मेटा ने वॉट्सऐप हैक को लेकर NSO ग्रुप के खिलाफ 1400 करोड़ रुपये का मुकदमा जीत लिया है। दरअसल 2019 में मेटा ने NSO ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि कंपनी ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके 1400 WhatsApp यूजर्स के अकाउंट को हैक किया है। चलिए इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। मेटा ने पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ 1,400 करोड़ रुपये का मुकदमा जीत लिया है। जी हां, इसी के साथ ही कैलिफोर्निया में संघीय जूरी ने भी मेटा को क्षतिपूर्ति के लिए 3.7 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिवॉर्ड दिया है। मेटा ने एक ब्लॉग पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि व्हाट्सएप के मामले में आज का फैसला प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए एक बड़ा कदम है क्योंकि यह अवैध स्पाइवेयर के डेवलपमेंट और इस्तेमाल के खिलाफ पहली बड़ी जीत है। यानी Pegasus बनाने वाली कंपनी को अब 1400 करोड़ रुपये मेटा को देने होंगे। चलिए जानें क्या है ये WhatsApp हैक का पूरा मामला...
क्या है WhatsApp हैक मामला?
दरअसल, 2019 में मेटा ने NSO ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि कंपनी ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके 1,400 WhatsApp यूजर्स के अकाउंट को हैक किया है। फोन कॉल के जरिए स्मार्टफोन को स्पाइवेयर से इन्फेक्टेड किया गया था। यूजर ने इस कॉल का जवाब दिया हो या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
एक बार फोन इन्फेक्टेड होने के बाद पेगासस स्पाइवेयर ने यूजर्स के कैमरे और माइक्रोफोन को दूर से कंट्रोल कर लिया। इन्फेक्टेड फोन केकॉल रिकॉर्ड और उनके मैसेज, ईमेल और यूजर्स के लोकेशन को भी ट्रैक किया गया। इसके बाद दिसंबर 2024 में एक अमेरिकी अदालत ने NSO ग्रुप को व्हाट्सएप हैक के लिए जिम्मेदार ठहराया।
50 से ज्यादा देशों के यूजर्स पर हैकिंग अटैक
मेटा ने यह भी बताया है कि NSO का पेगासस डिवाइस पर इंस्टॉल किए गए किसी भी ऐप से डिटेल्स चुरा सकता है। जिसमें फाइनेंशियल और लोकेशन डिटेल्स से लेकर ईमेल और टेक्स्ट मैसेज तक सबकुछ शामिल है। इस अटैक में खास तौर पर पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और डिप्लोमेट्स को निशाना बनाया और 50 से ज्यादा देशों के यूजर्स को एफेक्ट किया। पिछले महीने कोर्ट में दाखिल की गई एक फाइलिंग के मुताबिक इन 1,400 अटैक्स में से कम से कम 100 भारत में किए गए हैं।
मेटा NSO ग्रुप का एकमात्र टारगेट नहीं
मेटा का यह भी कहना है कि उसकी जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि मेटा NSO ग्रुप का एकमात्र टारगेट नहीं था। मेटा का दावा है कि 2019 में कॉलिंग सिस्टम का फायदा उठाने वाले अटैक वेक्टर को तो रोक दिया गया लेकिन पेगासस के पास लोगों के डिवाइस में मैलिसियस कोड डाउनलोड करने और उनके डिवाइस से छेड़छाड़ करने के लिए अन्य कंपनियों की टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने के लिए कई अन्य स्पाइवेयर इंस्टॉलेशन तरीके थे।
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