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    क्या भारत में बंद हो जाएगा WhatsApp? जानिए क्यों ये फैसला ले सकता है मेटा

    Updated: Fri, 26 Apr 2024 11:34 AM (IST)

    WhatsApp अपने कस्टमर्स के लिए बहुत से फीचर्स लाती रहती है जिससे उनको बेहतर एक्सपीरियंस मिल सकें। एंड टू एंड एन्क्रिप्शन भी ऐसा ही एक फीचर है जिसे कंपनी ने यूजर्स की सिक्योरिटी के लिए पेश किया गया है। हालांकि इसको लेकर हमेशा से चर्चा होती आ रही है। कंपनी ने कहा कि अगर हाई कोर्ट इसे हटाने को कहा जाएगा तो कंपनी देश से ऐप को रिमूव कर देगी।

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    क्या भारत में बंद हो जाएगा WhatsApp? जानिए क्यों ये फैसला ले सकता है मेटा

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारत में 40 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो मैसेजिंग ऐप के तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं। कंपनी अपने कस्टमर्स के लिए बहुत से खास फीचर्स लाती है, जो यूजर्स को बेहतर एक्सपीरियंस देनें में मदद करता है। फिलहाल वॉट्सऐप अपने एक फीचर को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के कटघरे में है।

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    इसमें कंपनी को एंड-टू-एड एन्क्रिप्शन को बंद करने की बात पर जोर दिया गया है। इस पर कंपनी का एक बड़ा बयान अब सामने आया है। वॉट्सऐप ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि अगर उसे मैसेज एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो मैसेजिंग प्लेटफॉर्म भारत में प्रभावी रूप से बंद हो जाएगा। आइये जानते हैं कि क्या है पूरा मामला....

    भारत में बंद हो सकता है वॉट्सऐप?

    • वॉट्सऐप ने कहा कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन यूजर की प्राइवेसी की सुरक्षा करता है कि केवल सेंडर और रसीवर ही संदेश को एक्सेस सकते हैं।
    • वॉट्सऐप की ओर से पेश तेजस करिया ने डिवीजन बेंच को बताया अगर हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो व्हाट्सएप देश से चला जाता है। करिया ने कहा कि लोग वॉट्सऐप का उपयोग इसके द्वारा दी जाने वाली प्राइवेसी सुविधाओं के कारण करते हैं। भारत में इसके 400 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जो इसे इस प्लेटफॉर्म के लिए सबसे बड़ा बाजार बनाता है।

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    IT नियम 2021 को दे रहा चुनैती

    • WhatsApp और फेसबुक की मूल कंपनी मेटा सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को चुनौती दे रही है, जिसके लिए उन्हें चैट का पता लगाने और संदेश प्रवर्तकों की पहचान करने की आवश्यकता है।
    • कंपनियों का कहना है कि ये कानून एन्क्रिप्शन को कमजोर करता है और भारतीय संविधान के तहत यूजर की गोपनीयता सुरक्षा का उल्लंघन करता है।
    • मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने तर्क दिया कि ये नियम एन्क्रिप्शन के साथ-साथ यूजर की गोपनीयता को भी कमजोर करते हैं। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत यूजर्स के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।
    • करिया ने कहा कि दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है। ब्राजील में भी नहीं. हमें पूरी चेन रखनी होगी और हमें नहीं पता कि कौन से मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए कहा जाएगा.' इसका मतलब है कि लाखों-करोड़ों मैसेज को कई वर्षों तक कलेक्ट करना होगा।

    क्या कह रही सरकार?

    • इस विषय पर केंद्र सरकार की ओर से पेश कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए संदेश प्रवर्तकों का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया। सिंह ने तर्क दिया कि आज के माहौल में ऐसी व्यवस्था जरूरी है।
    • दिल्ली उच्च न्यायालय ने वॉट्सऐप और मेटा की याचिकाओं को 14 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। पीठ ने कहा कि गोपनीयता के अधिकार पूर्ण नहीं हैं और कहीं न कहीं संतुलन बनाना होगा।

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