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    दिसंबर तक फिर महंगे हो सकते हैं रिचार्ज प्लान, टेलीकॉम कंपनियां बढ़ा सकती हैं टैरिफ: रिपोर्ट

    Updated: Fri, 18 Apr 2025 09:05 PM (IST)

    पिछले साल जुलाई के महीने में टेलीकॉम कंपनियों ने रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। अब ऐसा लग रहा है कि कंपनियां इस साल भी ...और पढ़ें

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    2025 में ही फिर से टेलीकॉम कंपनियों के प्लान महंगे हो सकते हैं।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ग्राहकों को जल्द ही टेलीकॉम सर्विसेज के लिए पहले से ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, Bharti Airtel, Reliance Jio और Vodafone Idea (Vi) जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स 2025 के अंत तक अपनी हाल की टैरिफ रिपेयर कोशिशों के तहत पीरियॉडिक टैरिफ हाइक शुरू कर सकते हैं। ताकि, रेवेन्यू विजिबिलिटी को बढ़ाया जा सके। बाजार में कुछ ही बड़ी कंपनियों का दबदबा बढ़ने वाला है, जिसमें एयरटेल और जियो अपनी स्थिति को और मजबूत करेंगे और मार्केट का ज्यादातर हिस्सा अपने कब्जे में ले लेंगे।

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    2025 में टैरिफ हाइक

    ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Bernstein के एनालिसिस का हवाला देते हुए Moneycontrol की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में टेलीकॉम प्रोवाइडर्स दिसंबर 2025 तक टैरिफ में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकते हैं। ये पिछले छह सालों में चौथा बड़ा प्राइस हाइक हो सकता है, जिसमें सबसे हालिया बढ़ोतरी जुलाई 2024 में हुई थी, जब कंपनियों ने टैरिफ को 25 प्रतिशत तक बढ़ाया था। ये हाइक 4G को मजबूत करने और 5G टेक्नोलॉजी के विस्तार के बाद टेल्कोस की बढ़ती कैपिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए बताया गया था।

    रिपोर्ट में कहा गया है, 'हम नवंबर-दिसंबर 2025 में टैरिफ हाइक की उम्मीद करते हैं, जो इंडस्ट्री में चल रहे टैरिफ रिपेयर एफर्ट्स के हिसाब से है। ये कदम सेक्टर के लिए एक जरूरी कैटलिस्ट के रूप में काम कर सकता है और रेवेन्यू विजिबिलिटी को बढ़ा सकता है।'

    ब्रोकरेज फर्म ने कथित तौर पर 2025-27 की अवधि में Airtel और Jio के लिए मिड टू हाई-टिन रेवेन्यू ग्रोथ की भविष्यवाणी की है, जो स्टीडी सब्सक्राइबर एडिशन्स और मजबूत एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) ग्रोथ के कारण होगी। नए ग्राहकों को जोड़ने पर निर्भर रहने के बजाय, टेलीकॉम ऑपरेटर्स मौजूदा यूजर्स से मिलने वाले रेवेन्यू शेयर को बेहतर करने पर भी ध्यान दे रहे हैं।

    इस बीच, Vi को कथित तौर पर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि सरकार द्वारा कंपनी के स्पेक्ट्रम ड्यूस को इक्विटी शेयर्स में बदलने की सहमति के बाद कुछ समस्याएं कम हुई हैं, जिससे सरकार की हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़कर 48.99 प्रतिशत हो गई है।

    रिपोर्ट में आगे कहा गया है, 'इक्विटी कन्वर्जन सरकार की थ्री-प्लेयर मार्केट स्ट्रक्चर को बनाए रखने की कमिटमेंट को दिखाता है और प्राइस डिसिप्लिन और भविष्य में टैरिफ हाइक की संभावना को बढ़ाता है।'

    Bernstein ने कथित तौर पर दिसंबर 2025 में 15 प्रतिशत टैरिफ हाइक की उम्मीद जताई है, जिसके बाद 2026 से 2033 तक एनुअल हाइक्स की भविष्यवाणी की गई है। हालांकि, टैरिफ हाइक्स के ज्यादा रेगुलर होने की अटकलें हैं, लेकिन उनकी मात्रा 2019-2025 की अवधि की तुलना में कम हो सकती है। टैरिफ हाइक्स से टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 10 प्रतिशत टैरिफ कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) हासिल करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

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