मोबाइल ऐप इस्तेमाल में भारत का रिकॉर्ड, Google और Apple की टक्कर में आएगा स्वदेशी ऐप स्टोर, मिलेंगी ये सुविधाएं
सरकार डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत भारतीय ऐप निर्माताओं को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार की इस पहल से देसी मोबाइल ऐप्स विकसित करने में मदद मिलेगी। सरकार को उम्मीद है कि मेड इन इंडिया मोबाइल एप्लिकेशन दुनिया के टॉप ऐप्स को टक्कर दे सकते हैं।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। मोबाइल ऐप इस्तेमाल के मामले में भारत दुनिया का शीर्ष देश बन गया है। आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को इसकी जानकारी राज्यसभा को दी। उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत भारतीय ऐप निर्माताओं को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार की इस पहल से भारत में मेड इन इंडिया मोबाइल ऐप्स को विकसित करने में तेजी आयी है। सरकार को उम्मीद है कि "मेड इन इंडिया" मोबाइल एप्लिकेशन दुनिया के टॉप ऐप्स को टक्कर दे सकते हैं।
आएगा स्वदेशी ऐप स्टोर
भारतीय ऐप निर्माताओं को चिंताओं को देखते हुए केंद्र सरकार जल्द स्वदेशी ऐप स्टोर लॉन्च कर सकती है। बता दें कि मौजूदा वक्त में भारत में ऐप स्टोर मार्केट में Google और Apple जैसी कंपनियों का दबदबा है। सरकार साफ कर चुकी है कि इंटरनेट की दुनिया में किसी एक कंपनी का कंट्रोल नहीं रहने दिया जाएगा। स्वदेशी ऐप स्टोर को फ्री रखा जा सकता है। वाजिब है कि मौजूदा वक्त में Google जैसी कंपनियां ऐप क्रिएटर्स से भारी टैक्स वसूलती हैं। साथ ही Paytm जैसे ऐप Google के एकाधिकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं।
भारतीयों को मिलेगा अपना ऐप स्टोर
रवि शंकर प्रसाद ने इंडिया एप मार्केट स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट 2021 के हवाले से कहा कि एंड्रॉइड ऐप स्टोर के पांच फीसदी ऐप भारतीय डेवलपर्स ने तैयार किए हैं। ऐसे में सरकार ने अपना मोबाइल सेवा ऐप स्टोर शुरू किया गया। इस सरकारी ऐप स्टोर पर निजी ऐप भी मौजूद है। मोबाइल सेवा ऐप स्टोर भारत का पहला स्वदेशी ऐप स्टोर है, जहां अलग अलग डोमेन और जन सेवा कैटेगरी के 965 से ज्यादा मोबाइल ऐप मौजूद हैं। रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार मोबाइल सेवा ऐप स्टोर (Mobile Seva App Store) को फ्री ऐप रखेगी। इस ऐप स्टोर को कुल 8.65 करोड़ लोगों ने इसे डाउनलोड किया।
ऐप डेवल्पमेंट को सरकार कर रही प्रोत्साहित
केंद्र सरकर मेक इन इंडिया ऐप को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत मोबाइल एप इनोवेशन चैलेंज शुरू किया था, जिसमें 6940 ऐप डेवलपर्स ने हिस्सा लिया था। इस चैलेंज के विजताओं को वित्तीय सहायता भी दी गई थी। ऐप निर्माण के बीच सरकार 'मैसेजिंग एंड कॉलिंग ऐप' की साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्क है। सरकार का मानना है कि ऐसे ऐप डेवलपर को कतई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा, जिनके ऐप जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं।
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