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    Skyroot एयरोस्पेस के साथ मिलकर नैनो सैटेलाइट लॉन्च करेगी फ्रांसीसी अंतरिक्ष कंपनी Promethee, पढ़ें पूरी डिटेल

    By Anand PandeyEdited By: Anand Pandey
    Updated: Fri, 14 Jul 2023 09:41 PM (IST)

    स्काईरूट के सह-संस्थापक पवन कुमार चंदना ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस की आधिकारिक यात्रा के मौके पर प्रोमेथी के अध्यक्ष ओलिवियर पिएप्सज (Olivier Piepsz) के साथ चर्चा की। दोनों कंपनियों के एक बयान में कहा गया है कि चंदना और पिएप्सज ने जेपेटस पृथ्वी ऑब्जर्वेशन तारामंडल की तैनाती प्रक्रिया में स्काईरूट के विक्रम लॉन्चर के एकीकरण का अध्ययन करने का निर्णय लिया है।

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    India Skyroot Aerospace in Talks With French Firm to Launch Nano satellites

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। फ्रांसीसी अंतरिक्ष क्षेत्र की कंपनी प्रोमेथी (Promethee) ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय स्टार्ट-अप स्काईरूट (Skyroot) एयरोस्पेस द्वारा विकसित किए जा रहे लॉन्च वाहनों की विक्रम-सीरीज का इस्तेमाल करके अपने नैनो उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने की संभावना तलाश रही है। आइए आपको पूरी खबर डिटेल से बताते हैं।

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    स्काईरूट के विक्रम लॉन्चर का अध्ययन करेगी कंपनी

    स्काईरूट के सह-संस्थापक पवन कुमार चंदना ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस की आधिकारिक यात्रा के मौके पर प्रोमेथी के अध्यक्ष ओलिवियर पिएप्सज़ (Olivier Piepsz) के साथ चर्चा की। दोनों कंपनियों के एक बयान में कहा गया है कि चंदना और पिएप्सज ने जेपेटस पृथ्वी ऑब्जर्वेशन तारामंडल की तैनाती प्रक्रिया में स्काईरूट के विक्रम लॉन्चर के एकीकरण का अध्ययन करने का निर्णय लिया है।

    नए रॉकेट डेवलप कर रही स्काईरूट 

    पिछले साल नवंबर में, हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस ने अपनी स्थापना के चार साल के भीतर, भारत में पहले निजी तौर पर निर्मित अंतरिक्ष रॉकेट, विक्रम-एस रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के साथ अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में अपना नाम लिखा था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के युवा पूर्व वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा स्थापित कंपनी अब छोटे उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए विक्रम सीरीज के रॉकेट के तीन प्रकार विकसित कर रही है।

    Vikram-I की खासियत

    विक्रम-I 480 किलोग्राम पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने में सक्षम होगा, विक्रम-II को 595 किलोग्राम कार्गो के साथ उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि विक्रम-III 815 किलोग्राम पेलोड के साथ 500 किमी कम झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम होगा।

    चंद्रयान-3 हुआ लॉन्च

    आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया। दुनिया की नजरें इस मिशन पर टिकी हुई हैं। ISRO Chandrayaan 3 Mission की सफलता से अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद भारत चौथा देश बन जाएगा, जिसने चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग की महारत हासिल की है।

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