In-Ear vs Open-Ear Earbuds: सेफ्टी या साउंड कैसे चुनें बेहतर ईयरबड्स
बाजार में दो तरह के ईयरबड्स देखने को मिलते हैं-एक इन-ईयर ईयरबड्स और दूसरे ओपन-ईयर ईयरबड्स। इन दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। अगर आप नए ईयरबइस खरीदने का सोच रहे हैं तो इनके फायदे और नुकसान देख लीजिए ताकि आप अपने लिए सबसे बेहतर ऑप्शन का चुनाव कर सकें।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। इन-ईयर ईयरबड्स वे होते हैं, जो कान के अंदर (कैनाल) में अच्छे से फिट हो जाते हैं। इनमें सिलिकान या फोम टिप्स होते हैं, जो कान को सील कर देते हैं। इससे बाहर का शोर कम होता है और साउंड की क्वॉलिटी बढ़िया मिलती है। वहीं ओपन ईयरबड्स कान के अंदर नहीं जाते। ये कान को पूरी तरह बंद नहीं करते हैं, इसलिए आप आसपास की आवाजें सुन सकते हैं। ये खास तौर पर उन लोगों के लिए बने हैं, जो बाहर की दुनिया से कनेक्टेड रहना चाहते हैं।
ओपन-ईयर ईयरबड्स के फायदे
ओपन-ईयर ईयरबड्स कान को ब्लॉक नहीं करते। आप आसपास की आवाजें, जैसे-गाड़ियों के हार्न, लोगों की बातचीत या ऑफिस में दूसरों की आवाजें सुन सकते हैं। ये साइकिलिंग, रनिंग या सड़क पर चलते समय सुरक्षा के लिहाज से भी अच्छे हैं। इन्हें घंटों पहनना आसान है। साथ ही, कोई दबाव या दर्द भी नहीं होता है। कान खुला रहने से नमी जमा नहीं होती, जिससे इन्फेक्शन का खतरा भी कम होता है।
कुछ मॉडल्स में बोन कंडक्शन टेक्नोलॉजी होती है, जो साउंड को हड्डियों के जरिए सीधे आपके कान तक पहुंचाती है। ये खास तौर पर रनर्स और आउटडोर स्पोट्र्स पर्संस के लिए बनाए जाते हैं। ज्यादातर ओपन-ईयर ईयरबड्स आइपीएक्स5 या आइपीएक्स6 रेटिंग के साथ आते हैं, जो इन्हें पसीने और बारिश से सुरक्षित बनाता है। चूंकि इनमें एएनसी जैसे फीचर्स नहीं होते, इसलिए बैटरी 8-10 घंटे चल सकती है।
ओपन-ईयर ईयरबड्स के नुकसान
कान खुला होने की वजह से साउंड क्वालिटी इन-ईयर ईयरबड्स जितनी अच्छी नहीं होती है। बास कमजोर हो सकता है और साउंड की गहराई कम हो सकती है। अगर आप म्यूजिक में बास
और डिटेल्स को अहमियत देते हैं, तो ये आपको निराश कर सकते हैं। इनमें एएनसी नहीं होता है, जिससे शोरगुल वाले माहौल में आवाज साफ नहीं सुनाई देती है। मेट्रो, बस या बाजार जैसी जगहों पर बाहर का शोर आपकी आवाज को दबा सकती है।
ओपन-ईयर ईयरबड्स कान के बाहर टिके रहते हैं, जिससे तेज मूवमेंट (जैसे जंपिंग या हाइ-इंटेंसिटी वर्कआउट) में गिर सकते हैं। कुछ मॉडल्स में हुक डिजाइन होता है, जो इसे थोड़ा बेहतर बनाता है, लेकिन फिर भी ये इन-ईयर जितने टाइट नहीं होते हैं। कान खुला होने से साउंड बाहर लीक हो सकता है। इससे आसपास के लोग म्यूजिक या काल सुन सकते हैं, जो गोपनीयता के लिए अच्छा नहीं है। इनमें टच कंट्रोल्स, इक्वलाइजर या वाइस असिस्टेंट जैसे फीचर्स कम होते हैं। ज्यादातर ओपन-ईयर ईयरबड्स बेसिक फंक्शंस पर फोकस करते हैं, जैसे- म्यूजिक और कॉल्स।
इन-ईयर ईयरबड्स के फायदे
इन-ईयरईयरबड्स साउंड को सीधे कान तक पहुंचाते हैं, जिससे बास, मिड्स और ट्रेबलसाफ सुनाई देते हैं। ये हाइ-रिजाल्यूशन आडियो सपोर्ट करते हैं, जो 24-बिट/96किलोहट्र्ज की साउंड क्वालिटी देता है। वहीं एक्टिव नाइज कैंसिलेशन बाहर के शोर, जैसे- ट्रैफिक या भीड़ की आवाज को कम कर देता है। ये कान में टाइट फिट होते हैं, इसलिए जिम, रनिंग या ट्रैवल में गिरते नहीं है। ये छोटे, हल्के और जेब में आसानी से रखे जा सकते हैं।
इन-ईयरबड्स के नुकसान
कुछ लोगों को इन-ईयर ईयरबड्स को लंबे समय तक पहनने में दिक्कत होती है। सिलिकान टिप्स से कान में दबाव पड़ सकता है, जिससे दर्द, खुजली या थकान हो सकती है। कानके अंदर नमी जमा होने से बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं। इससे कान में इन्फेक्शन का खतरा रहता है। एएनसी की वजह से आप बाहर की जरूरी आवाजें (जैसे गाड़ी का हार्न) नहीं सुन पाते।
ट्रांसपेरेंसी मोड इस समस्या को कुछ हद तक हल करता है। एनएनसी और हाइ- क्वालिटी साउंड की वजह से बैटरी जल्दी खत्म हो सकती है। ज्यादातर इन-ईयरबइस 4-6 घंटे की बैटरी लाइफ देते हैं और केस के साथ 20-24 घंटे तक चलते हैं, लेकिन एएनसी ऑन रखते हैं, तो यह और कम हो सकती है।
दोनों में से कौन-सा चुनें
अगर आप बेहतरीन साउंड क्वालिटी, गहरा बास, नाइज कैंसिलेशन और गोपनीयता चाहते हैं, तो इन-ईयर ईयरबडस जिम, ट्रैवल या लंबी कॉल्स के लिए बेस्ट हैं। अगर बाहर की आवाजें सुनना चाहते हैं, आराम और कान की सेहत को प्राथमिकता देते हैं, तो ओपन-ईयर ईयरबड्स सही हैं। (संतोष आनंद)
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