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    जापान के वैज्ञानिकों का कारनामा! पृथ्वी छोड़ चांद और मंगल पर रह सकेंगे इंसान, जानें पूरा प्लान

    By Saurabh VermaEdited By:
    Updated: Wed, 13 Jul 2022 11:07 AM (IST)

    जापान के रिसर्चर और वैज्ञानिकों की तरफ से एक नया ईकोसिस्टम तैयार किया गया है जिससे चांद पर पृथ्वी की तरह रहना संभव होगा। साथ ही वहां एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना भी कर पाएंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

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    Photo Credit - Human Life on Moon

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। मौजूदा वक्त में इंसानों का चांद की सतह पर चलना-फिरना और रहना संभव नहीं है। इसकी वजह चांद और मंगल का कम गुरुत्वाकर्षण बल है। दरअसल चांद और मंगल पर पृथ्वी से बेहद कम गुरुत्वाकर्षण बल है, जिससे चांद और मंगल पर पहुंचने वाले इंसानों का वजन कम हो जाता है, जिससे चांद की सतह पर इंसान तैरने लगते हैं। ऐसे में चांद के पर्यावरण के लिए गुरुत्वाकर्षण बल काफी अहम है। हालांकि अब जापान के वैज्ञानिकों ने इसका हल खोज निकाला है। ऐसे में जल्द चांद और मगंल ग्रह पर रहना संभव हो सकता है। हालांकि जापान से पहले एलोन मस्क (Elon Musk) की तरफ से भी चांद पर बसने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अभी तक खास सफलता नहीं मिली है।

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    जापान के रिसर्चर को मिली सफलता 

    लेकिन जापानी रिसर्चर और इंजीनियर्स ने दावा किया है कि उन्होंने चांद और मंगल पर गुरुत्वाकर्षण की समस्या से छुटकारा हासिल कर लिया गया है। क्योटो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और इंजीनियर्स और काजिमा कारपोरेशन की तरफ की तरफ से ज्वाइंट प्रस्ताव पारित किया गया है। दोनों की साझा प्रेस कांफ्रेंस में चांद पर जिंदगी को संभव बताया गया है।

    चांद और मंगल पर रहना कैसे होगा संभव

    1. रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वो एक खास तरह का ग्लास बनाया रहे हैं, जिसमें चांद पर पृथ्वी की तरह गुरुत्वाकर्षण हासिल किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने 21वीं शताब्दी के आखिरी तक लुनार ग्लास बनाने का प्लान बनाया है।
    2. वैज्ञानिकों ने दूसरा एलिमेंट Core Biome Complex है, जिससे स्पेस में एक ईकोसिस्टम बनाया जाएगा। ऐसा दावा किया जा रहा है कि लुनार ग्लास और मंगल ग्लास स्ट्रक्चर से एक खास तरह का घर बनाया जा सकेगा। यह बेहद खास तरह के घर होंगे। इन घरों में इंसानों के लिए चांद और मंगल पर रहना संभव हो पाएगा।
    3. इस ईकोसिस्टम का तीसरा एलिमेंट हेक्सागॉन स्पेस ट्रैक या फिर हेक्सा ट्रैक है। यह एक हाईस्पीड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। जिससे चांद पर आपस में कनेक्ट रहा जा सकेगा। साथ ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना संभव हो पाएगा।