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    Huawei की वापसी से अमेरिका को क्यों लग रहा डर? सिर्फ लैपटॉप बन गया 'सिरदर्द'

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 11:39 AM (IST)

    Huawei ने मेटबुक फोल्ड नामक एक नया फोल्डेबल लैपटॉप लॉन्च किया है, जिसमें चीनी कंपनी SMIC द्वारा निर्मित 7 नैनोमीटर चिप का उपयोग किया गया ह ...और पढ़ें

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    Huawei की वापसी से अमेरिका को क्यों डर लग रहा

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Huawei ने हाल ही में एक नया फोल्डेबल लैपटॉप लॉन्च किया है जिसे कंपनी ने MateBook Fold के नाम से पेश किया है। इस लैपटॉप ने एक बार फिर अमेरिका और चीन के बीच चल रही टेक वॉर को हिलाकर रख दिया है। दरअसल, इस लैपटॉप में इस्तेमाल किया गया प्रोसेसर चीनी कंपनी SMIC ने तैयार किया है जो 7 नैनोमीटर टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। हालांकि यह चिप तकनीकी रूप से काफी पुरानी है, फिर भी यह इस बात का संकेत है कि चीन अब अपनी टेक्नोलॉजी को इंडिपेंडेंट बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन दूसरी तरफ ऐसा भी लग रहा है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए बैन अभी भी चीन को बेहतर टेक्नोलॉजी तक पहुंचने से रोक रहे हैं।

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    TSMC से सालों पीछे है चीन की टेक्नोलॉजी

    आपको बता दें कि Huawei के इस लैपटॉप में उसी 7 नैनोमीटर चिप का इस्तेमाल किया गया है, जिसका इस्तेमाल कंपनी ने 2023 में Mate 60 Pro में किया था। अमेरिका को भले ही इस सफलता ने चौंका दिया हो, लेकिन ताइवान की कंपनी TSMC इस साल के एंड तक 2nm की चिप का प्रोडक्शन शुरू करने जा रही है, यानी चीन अभी भी तीन साल पीछे दिखाई दे रहा है।

    क्यों चीन के लिए चिप बनाना हुआ इतना मुश्किल?

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार SMIC अभी भी 5 नैनोमीटर चिप्स का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करने में कैपेबल नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि अमेरिका ने ASML जैसी कंपनियों को चीन को बेहतर चिप बनाने वाली मशीनें बेचने पर बैन लगा रखा है। इससे SMIC जैसी चीनी मैन्युफैक्चरर्स के लिए बेहतर चिप का प्रोडक्शन करना मुश्किल हो गया है।

    Huawei और SMIC पर टिकी चीन की उम्मीदें

    ऐसा लगता है कि चीन की उम्मीदें अब Huawei और SMIC पर टिकी हैं। अमेरिका चीन को एआई चिप्स तक पहुंचने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। खास तौर पर अमेरिका ने Nvidia की हाई-एंड AI चिप्स पर बैन लगा रखा है, जिससे चीन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर काफी एफ्फेक्टेड हो रहा है। 2025 में चीनी कंपनी DeepSeek के उभरने से अमेरिकी टेक कंपनियों को बड़ा झटका लगा है और उनकी मार्केट वैल्यू कम हो गई है। यही वजह है कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर अब चीन पर टेक्नोलॉजी बैन और कड़े कर रहा है।

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