DIGIPIN : अरे वाह! अब कॉल पर नहीं बोलना पड़ेगा दाएं मुड़-बाएं मुड़, एक नंबर में छिप जाएगा एड्रेस
भारत सरकार ने DIGIPIN नामक एक नई डिजिटल एड्रेस प्रणाली शुरू की है जिसका उद्देश्य देश भर में सटीक डिजिटल पहचान प्रदान करना है। यह प्रणाली अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को डिलीवरी में मदद करेगी साथ ही पुलिस एम्बुलेंस और फायर जैसी आपातकालीन सेवाएं सही जगह पर पहुंचाएगी। DIGIPIN 10 अल्फ़ान्यूमेरिक कैरेक्टर का कोड है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने DIGIPIN नाम से नया डिजिटल एड्रेस सिस्टम लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य देशभर की लोकेशन को सटीक डिजिटल पहचान देना है। DIGIPIN की मदद से देश के कोने-कोने में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां डिलीवरी कर पाएंगी। इसके साथ ही लोगों तक पुलिस, एंबुलेंस और फायर जैसी सेवाएं सही जगह पर पहुंच जाएंगे।
DIGIPIN को लेकर इंडिया पोस्ट ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि DIGIPIN सटीक लोकेशन बेस्ट आईडेंटिफिकेशन मुहैया करवाता है, जो एडरेस मैनेजमेंट को सिम्प्लिफाइड करता है। यह उन इलाकों में भी मददगार है, जो अनस्ट्रक्चर्ड हैं या जहां एड्रेस बदलते रहते हैं। इसके साथ ही यह उन इलाकों में भी काम आता है, जहां का कोई स्पष्ट पता नहीं होता।
सरकार DIGIPIN को पूरे देश में शुरू करने वाली है। यहां हम आपको यूनिक डिजिटल आईडी के बारे में सभी जानकारी के साथ-साथ अपने घर का DIGIPIN कैसे जनरेट करें इसके बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।
क्या है DIGIPIN?
DIGIPIN 10-अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर का कोड है, जो किसी भी प्रॉपर्टी के लिए जनरेट किया जा सकता है। यह आमतौर पर 4 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र के लिए जनरेट होता है। इसका मतलब है कि यूनिक DIGIPIN भारत के शहरी और ग्रामीण एरिया के सभी तरह की संपत्ति के लिए जनरेट किया जा सकता है। उदाहरण के लिए नोएडा के सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन का DIGIPIN 39J-54F-L6K3 है।
DIGIPIN की टेक्नोलॉजी को इंडिया पोस्ट ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) हैदराबाद और नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के साथ मिलकर तैयार किया है। ये सभी Indian Space Research Organisation (ISRO) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
सरकार DIGIPIN को ओपन-सोर्स, इंटरऑपरेबिलिटी और प्राइवेसी फोकस सिस्टम के तौर पर विकसित करना चाहती है। प्रत्येक DIGIPIN प्रॉपर्टी के जियोग्राफिक कॉर्डिनेट का कोड है, जिसमें यूजर्स की पर्सनल जानकारी स्टोर नहीं रहती है। DIGIPIN की सटीकता की बात करें तो India Post का कहना है कि इसे जनरेट करने के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लोकेशन का यूज किया जाता है।
क्या डिजिपिन मौजूदा पिन सिस्टम को रिप्सेल करेगा?
DIGIPIN भारत की मौजूदा छह अंकों वाले पिन सिस्टम को रिप्लेस नहीं करेगा। इंडिया पोस्ट का कहना है कि यह मौजूदा डाक पतों की एक्यूरेसी को सटीक करने में मददगार रहेगा।
अपने घर का DIGIPIN कैसे बनाएं?
अगर आप अपने घर या किसी प्रतिष्ठान का DIGIPIN जेनरेट करना चाहते हैं तो नीचे बताए स्टेप फॉलो करें।
स्टेप 1. सबसे पहले आपको dac.indiapost.gov.in/mydigipin/home वेबसाइट पर जाना है। यह पोर्टल इंडिया पोस्ट का है, जिसकी मदद से लोग अपने घर या पते के लिए यूनिक कोड तैयार कर सकते हैं।
स्टेप 2. आपको अपने वेब ब्राउजर को लोकेशन एक्सेस देना होगा। अगर आपको लोकेशन बंद रखा है तो आप डिजिपिन जनरेट नहीं कर पाएंगे। लोकेशन एक्सेस देने के लिए आपको पॉप अप बॉक्स में Allow बटन पर टैप करना है।
स्टेप 3. इसके साथ ही DIGIPIN की प्राइवेसी पॉलिसी के लिए आपको सहमति भी देनी होगी।
स्टेप 4. जैसे ही आप अपनी लोकेशन पर क्लिक करेंगे तो आपको अपना यूनिक अल्फ़ान्यूमेरिक कोड दिखाई देगा।
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