Lok Adalat में हिस्सा लेने के लिए अपॉइंटमेंट ऐसे लें ऑनलाइन, जानें स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
Lok Adalat जिसे पीपुल्स कोर्ट कहा जाता है भारत की वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली का अहम हिस्सा है। इसे 1987 के लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज एक्ट के तहत बनाया गया। नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) की अगुवाई में ये अदालतें बिना खर्चे तेजी से और समझौते के जरिए न्याय देती हैं। हर साल चार नेशनल लोक अदालतें लगती हैं जिनका मकसद हजारों मामलों को एक ही दिन में निपटाना है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। लोक अदालत, यानी 'पीपुल्स कोर्ट', भारत की वैकल्पिक विवाद समाधान व्यवस्था का अहम हिस्सा है। इसे लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज एक्ट, 1987 के तहत स्थापित किया गया। नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) की देखरेख में चलने वाली लोक अदालतें लोगों को बिना खर्चे और तेजी से विवाद सुलझाने का मौका देती हैं, जिससे पारंपरिक अदालतों का बोझ भी कम होता है।
इन अदालतों में सिविल विवाद (जैसे प्रॉपर्टी, मैट्रिमोनियल या कंज्यूमर इश्यू), कम्पाउंडेबल क्रिमिनल केस और प्री-लिटिगेशन मामले निपटाए जाते हैं। यहां परस्पर समझौते को बढ़ावा दिया जाता है और दिए गए अवॉर्ड कोर्ट डिक्री के बराबर होते हैं। ये फाइनल होते हैं और इनके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती, जिससे तुरंत न्याय सुनिश्चित होता है।
NALSA, स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज के साथ मिलकर देशभर में लोक अदालतें आयोजित करती है। नेशनल लोक अदालतें 2025 में मार्च, मई, सितंबर और दिसंबर के दूसरे शनिवार को तय की गई हैं। इनसे हजारों मामलों का निपटारा एक ही दिन में होता है, खासकर उन समुदायों के लिए जिनके लिए न्याय तक पहुंचना मुश्किल होता है। रिटायर्ड जज, ज्यूडिशियल ऑफिसर या एडवोकेट इनकी अध्यक्षता करते हैं। यहां मिडिएशन को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे रिश्ते भी बचते हैं और कोर्ट्स का बैकलॉग भी कम होता है। कोई कोर्ट फीस नहीं ली जाती, जिससे ये और भी अफोर्डेबल बनती हैं।
इनमें हिस्सा लेने के लिए लोग ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। इसकी प्रक्रिया बहुत आसान है:
- पोर्टल पर जाएं: NALSA की ऑफिशियल वेबसाइट (https://nalsa.gov.in) या स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (जैसे दिल्ली के लिए https://dslsa.org) पर जाएं।
- लोक अदालत चुनें: अपनी केस के हिसाब से डेट और लोकेशन सेलेक्ट करें।
- केस डिटेल्स दें: विवाद का प्रकार और सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स सबमिट करें।
- स्लॉट बुक करें: टाइम स्लॉट चुनें और कन्फर्म करें। एक टोकन या कन्फर्मेशन ईमेल जारी होगा।
- सेशन अटेंड करें: जरूरी डॉक्यूमेंट्स जैसे आईडी प्रूफ और केस पेपर्स लेकर तय जगह पर पहुंचें।
सीट्स लिमिटेड होने की वजह से जल्दी रजिस्ट्रेशन करना बेहतर है। उदाहरण के तौर पर, महाराष्ट्र में मैट्रिमोनियल डिस्प्यूट्स के लिए ऑनलाइन बुकिंग स्टेट पोर्टल पर आसान बना दी गई है।
NALSA की लोक अदालतें नागरिकों को पारदर्शी, समावेशी और तेज न्याय का रास्ता देती हैं, जो भारत की 'सबके लिए बराबर न्याय' की सोच को और मजबूत करती हैं।
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