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    Google के नए नियमों से कितने बदल जाएंगे Android स्मार्टफोन, जानिए इसके बारे में

    By Kritarth SardanaEdited By: Kritarth Sardana
    Updated: Thu, 26 Jan 2023 08:26 PM (IST)

    भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Google के लिए भारत में नए नियम बना दिये हैं। इसके बाद अब android स्मार्टफोन में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। Google ने अपने ब्लॉग के जरिये खुद इस सब पर जानकारी दी है। जानिए नए बदलावों के बारे में। (PC- Jagran File photo)

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    Google Android smartphone photo credit- Jagran file photo

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Google के लिए भारत में नए नियम बना दिये हैं। इनके अनुसार गूगल के android ओएस में अब नए बदलाव देखने को मिलेंगे। इनसे यूजर्स की परेशानी भी दूर होगी और उन्हें पहले से बेहतर अनुभव भी मिलेगा।

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    सुप्रीम कोर्ट ने दिया था गूगल को झटका

    पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रभावी स्थान का फायदा उठाने के लिए 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

    अब बदलाव करेगा गूगल

    CCI के फैसले के बाद गूगल भारत में अपने प्लेटफार्मों और कारोबार में महत्वपूर्ण बदलाव करेगा। इसके तहत OEM (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स) अपने उपकरणों पर प्री-इंस्टॉलेशन के लिए व्तक्तिगत (personalised)गूगल ऐप्स को लाइसेंस देने में सक्षम होगी।

    अब नए नियम से Android स्मार्टफोन में क्या बदलाव आएगा 

    अभी तक जब भी कोई नया android स्मार्टफोन लेते थे, तो उसमें गूगल की ऐप्स जैसे गूगल मैप्स, यूट्यूब आदि प्रि-इन्स्टाल यानि पहले से डाउनलोड हुई मिलती थी। यूजर्स इन ऐप्स को अपने फोन में से डिलीट भी नहीं कर सकते थे। लेकिन अब स्मार्टफोन कंपनियाँ या तो गूगल की इन ऐप्स को बिना इन्स्टाल किए ही स्मार्टफोन बेचेगी। और अगर गूगल की प्रिलोडेड ऐप्स देगी भी तो यूजर्स उन्हें डिलीट कर सकेंगे।

    पहले फोन में डिफ़ाल्ट रूप से सिर्फ गूगल ही सर्च इंजन था। अब android स्मार्टफोन पर यूजर्स को अपना डिफॉल्ट सर्च इंजन चुनने की अनुमति मिलेगी। यूजर्स गूगल के अलावा माइक्रोसॉफ़्ट बिंग या याहू जैसे सर्च इंजन भी चुन सकते हैं।

    गूगल प्ले स्टोर से कोई ऐप खरीदते हुए कंपनी यूजर्स को अब एक वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम चुनने की अनुमति देगा। ऐप डेवलपर अब पेमेंट के लिए अपनी स्वयं की भुगतान प्रणाली की पेशकश कर सकते हैं। जिससे उन्हें कंपनी को अब 30 प्रतिशत के कमीशन की जगह कम भुगतान करना होगा। इससे ऐप्स की कीमतों में भी कटौती देखने को मिल सकती है।

    अब android फोन में गूगल प्ले के जरिये आसानी से ऐप्स अपडेट हो सकेंगी।

    Google अपने ओएस को गैर-संगत (non compatibility) या फोर्क्ड वेरिएंट बनाने के लिए भागीदारों के लिए परिवर्तन पेश करने के लिए Android संगतता आवश्यकताओं (Android compatibility requirements) को अपडेट कर रहा है। फोर्क्ड वैरिएंट वो होता है जिसमें android आमतौर पर Google की Play सेवाओं के बिना मिलता है। इसमें उनका अपना अलग ऐप स्टोर होता है। Amazon FireOS Android और Bharat OS फोर्क्ड संस्करण के ही एक उदाहरण है। 

    यह भी पढ़ें- Google के Fast Pair फीचर के जरिये आसानी से यूजर्स कर सकेंगे अपना नया फोन सेट, जानिए इसके बारे में 

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