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    Ransomware से लेकर डाटा ब्रीच, 2022 में साइबर अटैक्स के सबसे ज्यादा निशाने पर रही ये इंडस्ट्री

    By Ankita PandeyEdited By: Ankita Pandey
    Updated: Sat, 14 Jan 2023 09:00 PM (IST)

    पिछले कुछ सालों में भारत में साइबर अटैक्स और साइबर क्राइम की संख्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में आई रिपोर्ट में पता चला है कि 2022 में भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले हेल्थकेयर सेक्टर पर हुआ है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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    Healthcare Sector in India was ‘most targeted’ by hackers

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते कुछ सालों में भारत में इंटरनेट का विकास और विस्तार दोनों में हुआ है। अब 5G के लॉन्च के साथ टेलीकॉम कंपनी भारत के कोने-कोने तक अपनी नेटरवर्किंग पहुंचा रहे हैं। इससे इंटरनेट सभी के लिए सुलभ हुआ है। भले ही भारत ने एक पहलु में तरक्की की है, लेकिन इससे कई नुकसान भी रहे हैं और सबसे बड़ा खतरा साइबर क्राइम है। आज हम आपको बताएंगे कि पिछले साल कौन सी इंडस्ट्री ने सबसे ज्यादा साइबर हमलों का सामना किया।

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    सबसे ज्यादा प्रभावित हुई ये इंडस्ट्री

    भारत ने पिछले साल कई साइबर अटैक्स झेले , लेकिन सबसे बड़े साइबर हमलों में से एक तब देखा गया जब रैंसमवेयर हमले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के सर्वर को निशाना बनाया गया। एक नई रिपोर्ट में बताया गया कि 2021 की तुलना में 2022 में साइबर हमलों में ग्लोबली 38% की बढ़ोतरी हुई है, और भारत में हेल्थकेयर सबसे अधिक टारगेटेड इंडस्ट्री रही है।

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    चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर में डेटा ग्रुप मैनेजर ओमर डेम्बिन्स्की ने कहा कि हैकर्स अस्पतालों को निशाना बनाना पसंद करते हैं क्योंकि छोटे अस्पतालों में साइबर सुरक्षा संसाधनों की कमी होती हैं। लेकिन नवंबर में भारत के प्रमुख सरकारी स्वास्थ्य सेवा संस्थान को रैंसमवेयर हमले का निशाना बनाया गया था, जो कथित तौर पर चीन से उत्पन्न हुआ था।

    चुराते हैं जरुरी डाटा

    हैकर्स का उद्देश्य स्वास्थ्य बीमा जानकारी, मेडिकल रिकॉर्ड नंबर, और कभी-कभी सामाजिक सुरक्षा नंबर भी मिल जाता है, जिसमें रैनसमवेयर गिरोह से रोगियों को सीधा खतरा हैं। इसके बाद ये अस्पतालों से रोगी रिकॉर्ड लीक करने धमकी के तहत भुगतान की मांग करते हैं। एम्स हमले के बाद भी अधिकारियों को आशंका थी कि पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों जैसे वीआईपी सहित करोड़ों रोगियों के डाटा से समझौता किया गया था। हालांकि जांच कर रहे आईटी अधिकारियों ने घोषणा की थी कि डाटा को डिक्रिप्ट कर लिया गया था।

    शिक्षा क्षेत्र भी हुआ प्रभावित

    चेक प्वाइंट रिसर्च (CPR) की रिपोर्ट के मुताबिक ये साइबर हमले छोटे, अधिक फुर्तीले हैकर्स और रैंसमवेयर गिरोहों द्वारा ऑपरेट किए जाते हैं। बता दें कि साइबर अपराधियों ने वर्क-फ्रॉम-होम वातावरण में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के दोहन पर ध्यान केंद्रित किया और उन शिक्षा संस्थानों को लक्षित किया जो कोविड-19 के बाद ऑनलाइन लर्निंग की तरफ शिफ्ट हुए थे।

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