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    Google Medical AI: मेडिकल हेल्प के लिए एआई चैटबॉट का होगा इस्तेमाल, गूगल कर रहा Med-PaLM पर काम

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Mon, 10 Jul 2023 10:40 AM (IST)

    Google AI Tool for Hospital and Medical गूगल एक ऐसे एआई चैटबॉट मॉडल पर काम कर रहा है जिसका इस्तेमाल कर यूजर्स मेडिकल से जुड़े सवालों में मदद पा सकेंगे। इस एआई चैटबॉट को मेडिकल एक्सपर्ट्स के साथ ट्रेनिंग दी जा रही है। गूगल के इस एआई चैटबॉट का नाम Med-PaLM है। अभी यह मॉडल अपने शुरुआती स्टेज पर है।

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    Med-PaLM Google AI Tool for Medical Purpose

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल के आखिर में इंसानों जैसे बातचीत करने वाले एआई मॉडल के रूप में चैटजीपीटी की एंट्री हुई थी। लॉन्च होने के शुरुआती दो महीनों में ही यह चैटबॉट 100 मिलियन मंथली यूजर का आंकड़ा छू चुका था। एआई टेक्नोलॉजी आधारित चैटबॉट मॉडल यूजर को लुभा रहे हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल यूजर बहुत से कामों में कर पा रहा है। बहुत जल्द मेडिकल हेल्प के लिए यूजर एआई चैटबॉट का इस्तेमाल करता नजर आएगा।

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    गूगल यूजर के लिए कौन-सा नया मॉडल कर रहा है तैयार

    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो टेक कंपनी गूगल इस कड़ी में काम कर रही है। गूगल एक ऐसे एआई चैटबॉट को टेस्ट कर रही है जो यूजर को मेडिकल से जुड़े सवालों का एक एक्सपर्ट की तरह ही जवाब दे सकेगा। गूगल के इस एआई चैटबॉट Med-PaLM 2 को लेकर यूएस के एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन (Mayo Clinic research hospital) में काम चल रहा है।

    मालूम हो कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने I/O 2023 में PaLM 2 large language model (LLM) में सुधार किए जाने का एलान किया था। उसी दौरान बताया गया था कि गूगल Med-PaLM को मेडिकल सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

    क्यों लाया जा रहा है नया मॉडल?

    लार्ज लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल उस स्थिति में कारगर होगा जहां एक यूजर के लिए डॉक्टर्स तक पहुंच मुश्किल होगी। गूगल के सीनियर रिसर्च डायरेक्टर Greg Corrado का कहना है कि यह मॉडल अभी अपने शुरुआती स्टेज पर है।

    बिंग, बार्ड और चैटजीपीटी से कैसे बेहतर होगा Med-PaLM

    गूगल का मानना है कि मेडिकल सेवाओं के लिए Med-PaLM का इस्तेमाल एक आम चैटबॉट ( बिंग, बार्ड, चैटजीपीटी) के मुकाबले ज्यादा बेहतर होगा।

    इस मॉडल को मेडिकल एक्सपर्ट के साथ तैयार किया जा रहा है। इस मॉडल को इस्तेमाल करने के साथ यूजर को अपनी डेटा की सिक्योरिटी और प्राइवेसी की चिंता करने की जरूरत भी नहीं होगी। यूजर का डेटा इनक्रिप्टेड होगा और गूगल तक इसे एक्सेस नहीं कर सकेगा।