Google Messages में आया नया 'सेफ्टी कवच', अश्लील वीडियो होंगे ऑटोमेटिक ब्लर
Google Messages अब वीडियो के लिए भी सेंसिटिव कंटेंट वार्निंग फीचर ला रहा है जिससे ऐप न्यूडिटी या अश्लील कंटेंट को पहचानकर पहले से ब्लर कर देगा। यूजर्स चाहें तो ऐसे वीडियो को बिना देखे डिलीट कर सकते हैं। ये अपडेट अगस्त में शुरू किए गए इमेज वॉर्निंग सिस्टम का विस्तार है और यूजर्स की प्राइवेसी और सेफ्टी को और मजबूत बनाता है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Google Messages अब अपने सेंसिटिव कंटेंट वार्निंग फीचर को वीडियो पर भी एक्सपैंड कर रहा है, जिससे ऐप न्यूडिटी या अश्लील कंटेंट का पता लगाकर यूजर्स को प्ले करने से पहले अलर्ट करेगा। ऐसे वीडियो अपने आप ब्लर रहेंगे और यूजर चाहे तो उन्हें बिना देखे डिलीट कर सकते हैं। ये फीचर अगस्त में पेश किए गए इमेज वॉर्निंग सिस्टम पर बेस्ड है, जो अब चैट्स में सेफ्टी और प्राइवेसी को और बेहतर बनाएगा। ये फीचर Apple के iOS पर मौजूद सेंसिटिव कंटेंट वार्निंग सिस्टम की तरह है, जो मैसेजिंग और शेयरिंग प्लेटफॉर्म्स पर एक्सप्लिसिट इमेज और वीडियो से बचने में मदद करता है।
गूगल मैसेजेस वीडियो के लिए सेंसिटिव कंटेंट वार्निंग फीचर जारी कर रहा है
Google Messages अक्टूबर 2025 के प्ले सर्विसेज अपडेट (v25.39) के साथ आधिकारिक रूप से वीडियो डिटेक्शन फीचर रोलआउट कर रहा है। ये फीचर लेटेस्ट प्ले सर्विसेज रिलीज नोट्स में हाइलाइट किया गया है। हालांकि, ये वॉर्निंग सभी डिवाइसेज पर तुरंत नहीं दिखेगी क्योंकि इसे धीरे-धीरे रोलआउट किया जा रहा है। Google के सिस्टम अपडेट्स फेज में जारी होते हैं, इसलिए कई यूजर्स अभी सितंबर वर्जन पर हो सकते हैं।
ये फीचर आने के बाद Google Messages ऐप इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों वीडियो को स्कैन करेगा, जैसे यह पहले से इमेज के लिए करता है। ये पूरा प्रोसेस डिवाइस पर ही होता है, जिससे कोई भी डेटा बाहर शेयर या अपलोड नहीं होता। SafetyCore नामक Android फ्रेमवर्क इस फीचर को पावर देता है, जो फोटो और वीडियो में एक्सप्लिसिट कंटेंट को पहचानता है और साथ ही सभी डेटा को डिवाइस पर प्राइवेट रखता है।
इमेज के लिए पहले से मौजूद सिस्टम पर बेस्ड ये फीचर किसी भी वीडियो को ऑटोमैटिक ब्लर कर देगा, जिसे एक्सप्लिसिट पाया गया है। इससे यूजर्स बिना देखे कंटेंट को रिव्यू या डिलीट कर सकते हैं, जिससे चैटिंग एक्सपीरियंस सेफ रहते हुए भी स्मूद बना रहेगा।
ये छोटा लेकिन अहम अपडेट इसलिए खास है क्योंकि सेंसिटिव कंटेंट वार्निंग फीचर अनचाहे एक्सपोजर को रोकता है, खासकर यंग यूजर्स के लिए। सारा डिटेक्शन लोकली होता है, जिससे कोई भी मीडिया Google के सर्वर पर नहीं जाता।
इसी तरह, Apple का कम्युनिकेशन सेफ्टी फीचर भी iMessage में एक्सप्लिसिट कंटेंट को ब्लर करता है और बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स दिखाता है। फर्क सिर्फ इतना है कि Apple का सिस्टम खासतौर पर माइनर्स के लिए है, जबकि Google का ये फीचर टीन्स और एडल्ट दोनों के लिए है और उम्र के हिसाब से ऑटोमैटिक सेटिंग्स एडजस्ट करता है।
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