Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Marie Tharp पर गूगल ने अपना नया Google Doodle पेश किया, जानिये कौन हैं ये?

    By Kritarth SardanaEdited By:
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 09:49 AM (IST)

    Marie Tharp Google ने अपना नया Google Doodle जियोलोजिस्ट Marie Tharp पर पेश किया है. मैरी थार्प अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन आज ना तो मैरी का जन्मदिन है और ना ही पुण्य तिथि लेकिन फिर भी गूगल ने क्यों उन पर गूगल डूडल पेश किया हैजानिये।

    Hero Image
    Google Doodle Marie Tharp Photo Credit- Google India

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। सर्च इंजन कंपनी Google अपने नए नए Google Doodle से सभी को सरप्राइज करती रहती है। अब आज गूगल ने अमेरिकी भूविज्ञानी (geologist)और समुद्र विज्ञान मानचित्रकार (oceanographic cartographer) Marie Tharp पर अपना नया Google Doodle पेश किया है। गौरतलब है इन्होंने महाद्वीपीय बहाव के सिद्धांतों को साबित करने में मदद की और 21 नवंबर 1998 को कांग्रेस के पुस्तकालय ने उन्हें 20वीं शताब्दी के महानतम मानचित्रकारों में से एक नामित कर दिया था। इसी कारण आज 21 नवंबर के दिन इन पर गूगल डूडल आया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मैरी थार्प का जीवन

    मैरी थार्प का जन्म 30 जुलाई 1920 को यप्सिलंती, मिशिगन (Ypsilanti, Michigan) में हुआ था। थारप के पिता ने अमेरिकी कृषि विभाग के लिए काम किया और उन्हें मैपमेकिंग का शुरुआती परिचय दिया। उन्होंने पेट्रोलियम भूविज्ञान में मास्टर डिग्री के लिए मिशिगन विश्वविद्यालय में भाग लिया था। सन 1948 में वह न्यूयॉर्क शहर चली गईं और लैमोंट भूवैज्ञानिक वेधशाला (Lamont Geological Observatory) में काम करने वाली पहली महिला बनीं जहाँ उनकी मुलाकात जियोलोजिस्ट ब्रूस हेज़ेन से हुई।

    हेज़ेन ने अटलांटिक महासागर में ओशियन-डेप्थ डेटा एकत्रित किया था। फिर इसका उपयोग थारप ने रहस्यमय समुद्र तल के नक्शे को बनाने के लिए किया था। इको साउंडर्स का प्रयोग पानी की गहराई का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सोनार के लिए होता है। इन्हीं इको साउंडर्स के नए निष्कर्षों ने मैरी थार्प को मध्य-अटलांटिक रिज को खोजने में सहायता प्रदान की।

    जब हेजन ने मैरी की बात कर दी थी खारिज

    फिर मैरी अपने इन निष्कर्षों को हेजेन के पास जब ले गई तो उन्होंने इसे महज 'एक लड़की की बात' कहकर खारिज कर दिया था। हालांकि बाद में जब उन्होंने भूकंप के उपरिकेंद्र मानचित्रों (epicenter maps) के साथ इन वी-आकार की दरारों की तुलना की तब ब्रूस हेज़ेन, मैरी के इन तथ्यों की उपेक्षा नहीं कर सकें।

    सन 1957 में समुद्र तल के पहले मैप का हुआ प्रकाशन

    सन 1957 में थारप और हेज़ेन ने उत्तरी अटलांटिक में समुद्र तल का पहला नक्शा प्रकाशित किया। नेशनल ज्योग्राफिक ने करीब 20 साल बाद थारप और हेज़ेन द्वारा 'द वर्ल्ड ओशियन फ्लोर' शीर्षक से पूरे महासागर तल का पहला विश्व मानचित्र प्रकाशित किया।

    इसके बाद सन 1995 में थारप ने अपना पूरा नक्शा संग्रह लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस को दान कर दिया था। और फिर 2001 में लैमोंट जियोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी ने उन्हें अपने पहले वार्षिक लैमोंट-डोहर्टी हेरिटेज अवार्ड से भी सम्मानित किया था।  

    यह भी पढ़ें- FIFA World Cup 2022: गूगल भी मना रहा विश्व कप फुटबाल का जश्न, Doodle में दिखे कई बेहतरीन फीचर्स 

    Fact Check : गुजरात चुनाव के बीच एबीपी न्‍यूज के नाम पर फेक एग्जिट पोल का स्‍क्रीनशॉट वायरल