Google Doodle: नर्मदा बचाओ आंदोलन के सूत्रधार पद्मश्री बाबा आमटे को किया गया याद
Google ने बाबा आमटे को उनके 104वीं जन्मदिन पर याद किया है। बाबा आमटे का जन्म 26 दिसंबर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा में हुआ था
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। दुनिया की लोकप्रिय सर्च इंजन कंपनी Google ने अपने प्रचलित Doodle के माध्यम से समाजसेवी बाबा आमटे को याद किया है। बाबा आमटे के एक स्लाइड को Google ने अपने सर्च के होम पेज पर तैयार किया है जिसमें बाबा आमटे की पांच तस्वीरों को शेयर किया गया है। इन पांच तस्वीरों में बाबा आम्टे के किए गए समाज सेवा के कार्यों को दर्शाया गया है। Google ने बाबा आमटे को उनके 104वीं जन्मदिन पर याद किया है। बाबा आमटे का जन्म 26 दिसंबर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा में हुआ था।
कौन थे बाबा आम्टे?
बाबा आमटे का जीवन कुष्ठ रोगियों के उत्थान में बीता है। उन्होंने कुष्ठ रोगियों के लिए कई आश्रम और समुदाय की स्थापना की है। बाबा आमटे के कुष्ठ रोगियों के लिए बनाए गए आश्रम में महाराष्ट्र के चन्द्रपुर का आश्रम आनंदवन प्रमुख है। बाबा आमटे का पूरा नाम डॉ. मुरलीधर देवीदास आमटे था और लोग उन्हें बाबा आमटे के नाम से जानते थे।
बाबा आमटे ने कुष्ठ रोगियों के अलावा प्रर्यावरण से जुड़े मुद्दे के लिए भी आवाज उठाई थी। जिनमें वन्य जीवन संरक्षण और नर्मदा बचाओ आंदोलन भी शामिल हैं। बाबा आमटे ने एम.ए.एल.एल.बी तक की पढ़ाई की थी। बाद में वे महात्मा गांधी और विनोबा भावे से प्रभावित होकर पूरे भारत का दौरा किया और देश के गावों में जाकर लोगों की असली समस्यायों को समझने की कोशिश की। आजादी के आंदोलन में अहम योगदान देने के बाद वे अंहिसा के रास्ते पर चलते हुए समाजसेवा में लगे रहे।
बाबा आमटे ने 1985 में कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो आंदोलन भी चलाया था। उनका मकसद देश में एकता की भावना को बढ़ावा देना और प्रर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना था। उनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। पद्मश्री के अलावा बाबा आमटे को युनाइटेड नेशन्स अवॉर्ड, गांधी पीस अवॉर्ड, मैग्सेसे पुरस्कार आदि से भी सम्मानित किया गया।
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