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    ChatGPT को लेकर दुनिया भर में मच रहा बवाल, AI टेक्नोलॉजी का कहीं हो रहा सत्कार तो कभी मिल रही फटकार

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Mon, 24 Apr 2023 11:03 AM (IST)

    ChatGPT एआई आधारित चैटबॉट चैटजीपीटी को लेकर अलग-अलग देशों का अलग-अलग मत है। कहीं चैटजीपीटी में नए सुधार की जरूरत समझी जा रही है तो कहीं इस पर पाबंदी भी लगा दी गई है। बहुत से देशों में यह टेक्नोलॉजी पहुंची ही नहीं है। (फोटो- Unsplash)

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    countries are restricting the tech behind ChatGPT while others welcoming, pic Courtesy- Unsplash

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल एआई आधारित टेक्नोलॉजी चैटजीपीटी को पेश किया गया। यह टेक की दुनिया ही नहीं, इंटरनेट की दुनिया के लिए भी एक आकर्षण बनी। ह्यूमन-लाइक टेक्स्ट जेनेरेट करने की खूबी के साथ लाया गया चैटजीपी मॉडल अपनी खूबियों को लेकर चर्चा में आया।

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    यह चैटबॉट एक फास्टेस्ट ग्रोइंग सर्विस के साथ शुरुआती महीनों में ही करोड़ों यूजर्स को लुभाने में कामियाब रहा। हालांकि, एक वर्ग ऐसा भी है जो इस टेक्नोलॉजी से जुड़ी दूसरी परेशानियों को लेकर चिंतित हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं, दुनिया भर के अलग-अलग देशों का इस एआई टेक्नोलॉजी पर क्या विचार है-

    भारत में नई टेक्नोलॉजी का हो रहा सत्कार

    सबसे पहले भारत की बात करें तो सरकार एआई टेक्नोलॉजी का जिम्मेदारी से इस्तेमाल हो, इसके लिए प्लान बना रही है। देश में इस टेक्नोलॉजी पर बैन लगाने जैसी कोई चर्चा नहीं है।

    हालांकि, एक सही तरीके से इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, इस पर सरकार का ध्यान केंद्रित रहेगा।

    इटली में चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर पाबंदी

    वहीं इटली की बात करें तो यहां चैटजीपीटी को बैन कर दिया गया है। यहां नेशनल डेटा एजेंसी ने सुरक्षा कारणों के मध्यनजर एआई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है।

    इटली की तर्ज पर फ्रांस भी चैटजीपीटी पर बारिकी से नजर बनाए हुए है। वर्तमान में फ्रांस में चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर पाबंदी तो नहीं है लेकिन भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

    इंटरनेट सेंसरशिप नियमों के मध्यनजर चीन में चैटजीपीटी का इस्तेमाल बाधित है। हालांकि, चैटजीपीटी जैसी टेक्नोलॉजी से कई चीनी कंपनियां भी प्रभावित हैं। जेनेरेटिव एआई के क्षेत्र में कुछ चीनी कंपनियां काम भी कर रही हैं। यहां जेनेरेटिव एआई के इस्तेमाल के लिए नए नियम भी बनाए जा रहे हैं।

    यूरोपियन नेशन की बात करें तो यहां भी एआई टेक्नोलॉजी पर पाबंदी लगाने की तैयारियों में है। यहां भी एआई आधारित टेक्नोलॉजी पर बारिक नजर रखी जा रही है। समाज में गलत जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए कुछ नियमों की जरूरत समझी जा रही है।

    सुधार पर दिया जा रहा अमेरिका में ध्यान

    अमेरिका की बात करें तो चैटजीपीटी को लाने वाली कंपनी ओपनएआई अमेरिका की ही है। ऐसे में यूएस सरकार का ध्यान एआई टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने और खामियों को दूर कर एक जिम्मेदार इकोसिस्टम को स्थापित करना है।

    हालांकि, दुनिया भर में ऐसे भी कई देश मौजूद हैं, जहां चैटजीपीटी जैसी टेक्नोलॉजी पहुंची ही नहीं है। इनमें रूस, यूक्रेन, मिस्र, नॉर्थ कोरिया, क्यूबा और ईरान जैसे देश शामिल हैं।