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AI टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रही हैं चीनी कंपनियां, Microsoft प्रेसिडेंट ने दी ये चेतावनी

China becoming rival of ChatGPT ओपन-एआई ने बीते साल ही एआई टेक्नोलॉजी आधारित चैटबॉट को पेश किया है। इस टेक्नोलॉजी ने करोड़ो लोगों को प्रभावित किया है। ऐसे में बहुत-सी दूसरी कंपनियां इस तरह की टेक्नोलॉजी को पेश करने में आगे आ रही हैं। (फोटो- जागरण)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaPublished: Sun, 23 Apr 2023 12:23 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2023 12:48 PM (IST)
China becoming close rival of ChatGPT Microsoft President, Pic Courtesy- Jagran File

नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल अमेरिका की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई ने ह्यूमन-लाइक टेक्स्ट जेनेरेट करने वाले चैटबॉट की पेशकश रखी। करोड़ों यूजर्स को लुभाने के साथ ही इस चैटबॉट चैटपीजीटी का हर किसी ने करना चाहा। वहीं दूसरी ओर इस टेक्नोलॉजी से प्रभावित होकर कई दूसरी कंपनियां भी इस तरह के प्रोडक्ट लाने की बातें करनी लगीं।

वर्तमान में एआई चैटबॉट के लिए ओपनएआई के अलावा, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और कई चीनी कंपनियों के नाम सामने आ चुके हैं।

चीनी कंपनियां उभरेंगी बड़े राइवल के रूप में

इसी कड़ी में टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट प्रेजिडेंट Brad Smith ने भी एक इंटरव्यू में एआई टेक्नोलॉजी को लेकर बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि भविष्य में चीनी कंपनियों को चैटजीपीटी के बडे़ राइवल के रूप में देखा जाएगा। मालूम हो कि एआई आधारित चैटबॉट चैटजीपीटी को बनाने वाली ओपनएआई के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने ही इन्वेस्ट किया है।

प्रतिस्पर्धा में चीन

स्मिथ ने कहा कि एआई चैटबॉट आधारित टेक्नोलॉजी पेश करने में चीन को भी पीछे नहीं माना जा सकता है। यूएस की टेक्नोलॉजी कंपनियों अमेजन, गूगल की तरह ही चीन भी जेनेरेटिव एआई को लाने में आगे आ रहा है।

उन्होंने कहा कि जेनेरेटिव एआई को लाने में तीन कंपनियों ओपनएआई और माइक्रोसोफ्ट को पहले नंबर और गूगल को दूसरे नंबर पर रखा जा सकता है तो तीसरे नंबर पर बीजिंग एकेडमी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम आता है।

नई टेक्नोलॉजी के आने से परेशानियां

हालांकि, नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इंसानों के बहुत से काम को आसान बनाती है, लेकिन इससे साथ पैदा होने वाली परेशानियों को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

इंटरव्यू में एआई आधारित टेक्नोलॉजी के साथ लोगों की जॉब्स पर मंडराए खतरे और गलत जानकारियों के फैलने पर भी स्मिथ से बातचीत की गई। इस पर भी उन्होंने अपनी राय रखी।

क्या है समाधान

स्मिथ ने कहा कि इस एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल साइबर अटैक में न हो, इसके लिए ऐसे इनोवेशन को रोकना समाधान नहीं है। इसके बजाय इस तरह की टेक्नोलॉजी में सुधार करना चाहिए। एआई को एक टूल और एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।


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