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    मोबाइल पर स्पैम मुश्किल लेकिन OTT पर खुली छूट, COAI ने संचार मंत्रालय से की OTT पर भी नकेल कसने की मांग

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 09:02 PM (IST)

    दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने सरकार से OTT पर स्पैम विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। COAI के अनुसार दूरसंचार कंपनियों ने स्पैम कॉल और मैसेज पर रोक लगाई है लेकिन OTT प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी बढ़ रही है। COAI ने संचार मंत्रालय से इस पर लगाम लगाने की मांग की है क्योंकि OTT अवांछित मार्केटिंग का नया माध्यम बन रहे हैं।

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    सीओएआइ ने संचार मंत्रालय से OTT पर भी नकेल कसने की मांग की है।

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने सरकार से आग्रह किया है कि उन्होंने नियमों का पालन करते हुए अपने माध्यम से स्पैम कॉल या मैसेज करने वालों पर काफी हद तक रोक लगा दी है। लेकिन देश के OTT (इंटरनेट आधारित मीडिया कंटेट देने वाली सर्विस) को अभी तक खुली छूट मिली हुई है।

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    इस बारे में सेलुलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने संचार मंत्रालय को पत्र लिख कर मांग किया है कि OTT अब देश में अवांछित विज्ञापन के जरिए धोखाधड़ी करने वालों के नये माध्यम बन रहे हैं और सरकार को समय रहते इस पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसमें यह भी बताया गया है कि देश की सभी मोबाइल सेवा कंपनियों ने सरकार के निर्देश को पालन करते हुए वह व्यवस्था लागू कर दी है जिससे स्पैम करने वालों का संदेश ग्राहक तक पहुंचने से पहले ही या तो ब्लॉक कर दिया जाता है या उसके बारे में ग्राहक को चेतावनी भेज दी जाती है।

    COAI ने कहा है कि अब दूरसंचार ग्राहकों के लिए पूरी व्यवस्था बहुत ही पारदर्शी हो गई है क्योंकि वह एक नजर में यह जान जाते हैं कि जो मैसेज उन कर पहुंच रहा है वह सरकार की तरफ किसी योजना को बढ़ावा देने को लेकर है या फिर किसी उत्पाद की बिक्री के लिए मार्केटिंग से संबंधित है। कंपनियों के स्तर पर ही बिक्री प्रमोशन से संबंधित संदेशों को चिन्हित कर उन्हें स्पैम घोषित कर दिया जाता है।

    इससे ग्राहकों को दोहरी सुरक्षा मिलती है। ग्राहकों के लिए अब सही और फर्जी कॉल और एसएमएस की पहचान करना आसान हो गया है। COAI के महानिदेशक ले. जेनरल डॉ. एस पी कोचर ने कहा है कि नियमों में कमी होने की वजह से ही ओटीटी प्लेटफार्म पर अवांछित मार्केटिंग काफी जोरों से चल रहा है जो ना सिर्फ ग्राहकों की सेवा और गोपनीयता को प्रभावित करता है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी यह चिंताजनक है।

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