Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandrayaan-3: चंद्रयान 2 से कितना और कैसे अलग है ISRO का नया मिशन, यहां पाएं पूरी जानकारी

    By Ankita PandeyEdited By: Ankita Pandey
    Updated: Thu, 13 Jul 2023 11:05 AM (IST)

    जैसा कि हम सब जानते हैं कि आने वाले शनिवार यानी 14 जुलाई को इसरो अपने चंद्रयान-3 मिशन का आगाज करने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का यह मिशन बहुत अहम है। बता दें कि यह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला है। यह चंद्रयान-2 के सक्सेसर मिशन के रूप में सामने आया है। अब देखना यह है कि इनमें क्या फर्क है।

    Hero Image
    difference between chandrayaan 3 and Chandrayaan 2, know the details here

    नई दिल्ली , टेक डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का आगामी चंद्र मिशन चंद्रयान-3, 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे IST पर लॉन्च होने वाला है। यह इसरो का चंद्रमा पर तीसरा मिशन होगा।

    चंद्रयान-3 को आने वाले दिनों में चंद्रयान-2 के उत्तराधिकारी के रूप में लॉन्च किया जाएगा, जिसे लगभग चार साल पहले 22 जुलाई, 2019 को चंद्रमा की सतह की ओर भेजा गया था। दुर्भाग्य से, पिछले चंद्र मिशन को दुर्घटना के कारण आंशिक विफलता का सामना करना पड़ा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समान लक्ष्य के भेजा जाएगा यान

    हालांकि दोनों मिशनों के अधिकांश कार्य और लक्ष्य समान हैं, इसरो ने उन गलतियों से बचने के लिए चंद्रयान-3 में कुछ बदलाव किए हैं जिनके कारण चंद्रयान-2 आंशिक रूप से विफल हुआ था।

    चंद्रयान 3 मिशन के विवरण

    जैसा कि बताया गया है कि चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान अब 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला है। यह मिशन लॉन्च व्हीकल मार्क-III द्वारा लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-3 के लैंडर के लॉन्च के नौ दिन बाद 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।

    चंद्रयान-3 के लैंडर का लक्ष्य एक निर्दिष्ट चंद्रमा स्थल पर सॉफ्ट लैंडिंग करना होगा, जबकि रोवर की जिम्मेदारी चंद्र सतह का ऑन-साइट रासायनिक विश्लेषण करना होगा। यह मिशन एक चंद्र दिवस तक चलेगा, जो पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर है।

    Chandrayaan 2 और Chandrayaan 3 में अंतर

    Chandrayaan-2 में एक ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे, जबकि चंद्रयान-3 में एक लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है। यह प्रोपल्शन मॉडल से सुसज्जित, स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (SHAPE) नामक एक पेलोड ले जाता है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का इस्तेमाल आगामी मिशन के लिए किया जाएगा।

    जैसा कि इसरो ने कहा है, चंद्रयान-2 की तुलना में चंद्रयान-3 में दो लैंडर खतरे का पता लगाने और बचाव वाले कैमरे मिलेंगे। चंद्रयान-2 केवल एक ही ऐसा कैमरा था, और चंद्रयान-3 के कैमरे अपने इसकी तुलना में अधिक मजबूत होने के लिए डिजाइन किए गए हैं। अंतरिक्ष संगठन ने पैरों की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए चंद्रयान-3 पर लैंडर लेग मैकेनिज्म परफॉर्मेंस टेस्ट भी किया है।