Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandrayaan 3 के साथ इस हफ्ते इतिहास रचने को तैयार भारत, अधिक ईंधन और सुरक्षा के किए गए हैं कई उपाय

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 10 Jul 2023 11:29 PM (IST)

    छोटे उपग्रहों की बढ़ती मांग के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को घोषणा की है कि वह अपने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) को निजी क्षेत्र में स्थानांतरित करेगा। एसएसएलवी 500 किलो वजन वाले उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए आन-डिमांड सेवाएं प्रदान करना चाहता है। अंतरिक्ष एजेंसी ने मिनी राकेट को उद्योग क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।

    Hero Image
    पहले की विफलताओं से निपटने के लिए किए गए हैं पुख्ता इंतजाम

    नई दिल्ली, पीटीआई। भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने के लिए तैयार है। यह शुक्रवार को लांच किया जाएगा। इसमें पहले के अभियानों से अधिक ईंधन, सुरक्षा संबंधी उपाय और बड़े लैंडिंग क्षेत्र को शामिल किया गया है।

    पहले की विफलताओं से निपटने के लिए किए गए हैं पुख्ता इंतजाम

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि इस बार पहले की विफलताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि अगर अभियान के दौरान कुछ गलत होता है, तो दूसरा प्रयास कर रोवर को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड कराया जा सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ का कहना

    चंद्रयान-3, 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे उड़ान भरेगा। इससे पहले सितंबर 2019 में एक साफ्टवेयर गड़बड़ी के कारण चंद्रयान-2 की क्रैश-लैंडिंग हो गई थी। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि चंद्रयान-2 की तरह सफलता आधारित डिजाइन की जगह चंद्रयान-3 को विफलता आधारित डिजाइन के तहत तैयार किया गया है। इसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि क्या विफल हो सकता है और इसकी सुरक्षा कैसे की जाए और सफल लैंडिंग सुनिश्चित की जाए।

    निजी क्षेत्र को मांग पर एसएसएलवी उपलब्ध कराने की तैयारी

    छोटे उपग्रहों की बढ़ती मांग के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को घोषणा की है कि वह अपने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) को निजी क्षेत्र में स्थानांतरित करेगा। एसएसएलवी 500 किलो वजन वाले उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए आन-डिमांड सेवाएं प्रदान करना चाहता है। अंतरिक्ष एजेंसी ने मिनी राकेट को उद्योग क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।