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    CBSE और माइक्रोसॉफ्ट ने पेपर लीक से बचने के लिए उठाए ये कदम

    By Harshit HarshEdited By:
    Updated: Tue, 14 Aug 2018 11:37 AM (IST)

    CBSE और Microsoft ने पेपर लीक को रोकने के लिए नया सिक्युरिटी सिस्टम तैयार किया है

    CBSE और माइक्रोसॉफ्ट ने पेपर लीक से बचने के लिए उठाए ये कदम

    नई दिल्ली (टेक डेस्क)। CBSE (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) और माइक्रोसॉफ्ट ने बोर्ड परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने से बचने के लिए नया प्लान तैयार किया है। इस साल सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं के पेपर लीक होने के बाद बोर्ड की काफी किरकिरी हुई थी। इस बार सीबीएसई ने एहतियातन पहले से ही इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए फुल प्रुफ प्लानिंग की है।

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    इस साल सीबीएसई के पेपर लीक होने के बाद से देशभर के परीक्षार्थी और उनरे पैरेंट्स को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। आपको बता दें कि देशभर में सीबीएसई के अंदर 20,299 स्कूल रजिस्टर्ड हैं। सीबीएसई ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी करके एक इनक्रिप्टेड सिक्युरिटी सोल्यूशन तैयार किया है। बोर्ड परीक्षाओं के लिए अब डिजिटल प्रश्न-पत्र तैयार किया जाएगा, जिसके लिए 3 महीने तक माइक्रोसॉफ्ट सुरक्षा प्रदान करेगा।

    माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के कॉर्पोरेट वाइस प्रसिडेंट एवं क्लाउड और इंटरप्राइज के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल भंसाली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने सीबीएसई के साथ मिलकर एक इनोवेटिव तरीका तैयार किया है, जिसकी मदद से प्रश्न-पत्र को परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट पहले तक लीक नहीं किया जा सकेगा।

    भंसाली ने आगे बताया, अगर, किसी तरह से प्रश्न-पत्र लीक भी हो जाता है तो वह परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट से पहले तक डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। हमारा सिस्टम यह आसानी से पता लगा सकता है कि कहां से प्रश्न-पत्र लीक हुआ है, क्योंकि हर एग्जाम सेंटर के लिए अलग से वाटरमार्किंग की जाएगी।

    फिलहाल इस सिक्युरिटी सिस्टम को पायलट प्रोग्राम की तरह चलाया जा रहा है। इस पायलट प्रोग्राम के तहत 487 केंद्रों के लिए कक्षा 10 के प्रश्न पत्र तैयार किए गए हैं। इस पायलट प्रोग्राम को सीबीएसई और माइक्रोसॉफ्ट ने जुलाई में एक्जिक्यूट किया था।

    इस तरह काम करता है सिक्युरिटी सिस्टम

    इस पायलट प्रोग्राम के तहत परीक्षा नियंत्रक इस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन को विंडोज 10 और ऑफिस 365 के साथ विकसित किया है। पूरा सिस्टम टू-फैक्टर-ऑथेंटिकेशन से लैस है, जिसकी मदद से परीक्षा केन्द्र पर मौजूद नियंत्रक पता लगा सकेंगे कि पेपर कहां से ओपन हुआ है। इसके अलावा इस ऑथेंटिकेशन के जरिए परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले ही प्रश्न-पत्र डाउनलोड किया जा सकेगा। इसमें वन-टाइम-पासवर्ड (ओटीपी) के साथ-साथ बायोमैट्रिक सिक्युरिटी से भी लैस किया गया है। यह परीक्षा नियंत्रक पर निर्भर करता है कि वह कौन सा तरीका सत्यापन के लिए इस्तेमाल करता है। यह सिक्युरिटी सिस्टम आधार बेस्ड भी हो सकता है।

    सीबीएसई के एडमिनिस्ट्रेटर परीक्षा केन्द्र पर माइक्रोसॉफ्ट के वनड्राइव क्लाउड का लिंक ई-मेल करेंगे। इस ई-मेल में प्रश्न-पत्र होगा, जिसे सत्यापन प्रक्रिया पूरा करने के बाद ही डाउनलोड किया जा सकेगा। माइक्रोसॉफ्ट के अधिकारी के मुताबिक, सीबीएसई के इस प्रोसेस को अन्य केन्द्रीय एवं राजकीय बोर्ड भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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