Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब राउटर को सपोर्ट करेगा देसी BharOS, कंपनी जल्द करेगी लॉन्च

    By Anand PandeyEdited By: Anand Pandey
    Updated: Sun, 17 Dec 2023 03:00 PM (IST)

    BharOS राउटर्स तक अपनी टेक्नोलॉजी का विस्तार करने पर विचार कर रहा है। भारओएस अनिवार्य रूप से विभिन्न हार्डवेयर के साथ कंपैटिबिलिटी सॉफ्टवेयर है जो मोबाइल फोन के जैसा काम करता है जिसमें एक ऐप स्टोर और अपडेट रिसीव करने वाले ऐप्स शामिल हैं। यह सॉफ्टवेयर अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे टैबलेट लैपटॉप IoT डिवाइस और राउटर तक अपनी कार्यक्षमता बढ़ाता है।

    Hero Image
    BharOS, राउटर्स तक अपनी टेक्नोलॉजी का विस्तार करने पर विचार कर रहा है।

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आईआईटी मद्रास-इनक्यूबेटेड स्टार्टअप, भारओएस (BharOS) द्वारा विकसित नया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित और गोपनीयता और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ डिजाइन किए गए भारओएस का लक्ष्य सरकार और सार्वजनिक प्रणालियों के लिए एक स्वतंत्र और ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    BharOS, राउटर्स तक अपनी टेक्नोलॉजी का विस्तार करने पर विचार कर रहा है। आइए जानते हैं आने वाले समय में कंपनी किन सिस्टम पर काम कर रही है।

    भारओएस अब राउटर्स को देगा पावर

    फोन को सफलतापूर्वक सुरक्षित करने के बाद, कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचे में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, लैपटॉप, डेस्कटॉप और राउटर को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। भारओएस, अनिवार्य रूप से विभिन्न हार्डवेयर के साथ कंपैटिबिलिटी सॉफ्टवेयर है जो मोबाइल फोन के जैसा काम करता है, जिसमें एक ऐप स्टोर और अपडेट रिसीव करने वाले ऐप्स शामिल हैं। रिपोर्ट बताती है कि यह सॉफ्टवेयर अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे टैबलेट, लैपटॉप, IoT डिवाइस और राउटर तक अपनी कार्यक्षमता बढ़ाता है।

    ये भी पढ़ें: 16GB तक रैम वाले फोन को सस्ते में खरीदने का मिल रहा मौका, 7500 रुपये से कम है शुरुआती कीमत

    क्या है BharOS?

    BharOS एक फ्री और ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) है। इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT) ने बनाया है। BharOS नो डिफॉल्ट ऐप्स (NDA) के साथ आता है। इसका मतलब है कि इसमें कोई भी पहले से डाउनलोडेड ऐप्स नहीं हैं। यूजर उन ऐप्स को डाउनलोड कर सकते हैं जिनका वे इस्तेमाल करना चाहते हैं।

    Android और Apple iOS से बिलकुल है अलग

    BharOS एंड्रॉयड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट (AOSP) पर आधारित है, जो कुछ हद तक Google के Android ऑपरेटिंग सिस्टम के समान बनाता है। एंड्रॉयड और BharOS के बीच बड़ा अंतर यह है कि इसमें कोई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप नहीं है। इससे यूजर्स को अपनी पसंद का कोई भी ऐप डाउनलोड करने की सुविधा मिलती है।

    ये भी पढ़ें: ईयरबड्स और नेकबैंड दोनों की तरह काम करेंगे Noise के नए Pure Pods, सिंगल चार्ज में 80 घंटे तक कर सकेंगे इस्तेमाल

    comedy show banner