Apple की बड़ी प्लानिंग, भविष्य में भारत में बनेंगे सभी आईफोन
अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन को एपल अब भारत में बनाने की योजना बना रही है। हाल ही में एपल के सीईओ टीम कुक ने कंपनी के वित्तीय परिणाम की घोषणा करते हुए आईफोन निर्माण स्थल के शिफ्ट होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले फोन भारत से मंगाए जाएंगे।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि आने वाले साल में एपल अपने सभी आईफोन भारत में ही बनाएगा। मंगलवार को भारत टेलीकॉम कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन को एपल अब भारत में बनाने की योजना बना रही है। देश में नीतिगत माहौल और मैन्यूफैक्चरिंग के लगातार विस्तार के प्रयास को देखते हुए ही वैश्विक टेक कंपनियों के निवेश के लिए भारत एक आकर्षक स्थान बन गया है।
उपकरण निर्माता कंपनियां अपने आर्थिक लाभ को देखते हुए यह फैसला कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने का मतलब सस्ता, टिकाऊ और असलियत को गले लगाना होता है। उन्होंने कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड (पीएलआइ) स्कीम की मदद से टेलीकॉम सेक्टर में तेजी से विकास हो रहा है। 4000 करोड़ रुपये के निवेश से 80,000 करोड़ की कुल बिक्री, 16,000 करोड़ का निर्यात, 25,000 लोगों के लिए नौकरियों का सृजन हुआ है।
हाल ही में एपल के सीईओ टीम कुक ने कंपनी के वित्तीय परिणाम की घोषणा करते हुए आईफोन निर्माण स्थल के शिफ्ट होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले फोन भारत से मंगाए जाएंगे। अमेरिका की शुल्क नीति की अनिश्चितता के बीच अभी अन्य देशों के लिए चीन में आईफोन, आइपैड व एपल घड़ी का निर्माण होता रहेगा।
अभी भारत में आईफोन का कुल 20 प्रतिशत
सूत्रों का कहना है कि शुल्क पर चीन की अमेरिका से बात नहीं बनी तो एपल अमेरिका में बिकने वाले अपने स्मार्टफोन का पूरा उत्पादन भारत में शिफ्ट कर देगी। अभी एपल फोन का कुल 20 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है।
चीन पर अमेरिका ने 145 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है। ऐसे में चीन से एपल फोन को अमेरिका भेजना काफी महंगा सौदा साबित होगा। भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाया है, जिस पर अमल को फिलहाल आगामी नौ जुलाई तक टाल दिया गया है।
भारत के साथ अमेरिका का व्यापार समझौता भी सितंबर-अक्टूबर तक होने की संभावना है। ऐसे में एपल वर्ष 2026 अंत तक अमेरिका में बिकने वाले सालाना छह करोड़ से अधिक फोन का निर्माण पूरी तरह से भारत में शुरू कर सकती है। भारत में फाक्सकान, पेगाट्रान और टाटा इलेक्ट्रानिक्स जैसी कंपनियां फिलहाल ठेके पर एपल फोन का उत्पादन करती हैं।
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