Smart TV मार्केट में गूगल का एकाधिकार खत्म; Google App Store जरूरी नहीं, यूजर्स पर क्या होगा असर?
ऐसा लग रहा है कि धीरे-धीरे गूगल का एकाधिकार खत्म हो रहा है और कंपनी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। वहीं अब CCI के फैसले के बाद भारत में Android TV मेकर्स को गूगल के OS Google Play Store या किसी अन्य प्री-इंस्टॉल किए गए ऐप को बंडल करने की जरूरत नहीं होगी। यानी स्मार्ट टीवी सेगमेंट में गूगल की मोनोपॉली खत्म हो गई है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। गूगल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं, क्योंकि इन दिनों कंपनी कई एंटीट्रस्ट मुकदमों का सामना कर रही है, जो मार्केट में गूगल की 'Monopoly' को दिखाते हैं। ऐसा ही एक मामला कुछ वक्त पहले भारत में भी दायर किया गया था। जिसमें कंपनी पर स्मार्ट टीवी सेगमेंट में मोनोपॉली बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था।
दरअसल, दो भारतीय एंटीट्रस्ट लॉयर्स द्वारा दायर किया गया यह केस तो अब खत्म हो गया है जिसमें कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने आखिरकार कहा है कि गूगल कम्पटीशन को कम करने के लिए अपनी डोमिनेंट पोजीशन का गलत इस्तेमाल कर रहा है। CCI के फैसले के बाद अब भारत में Android TV मेकर्स को गूगल के OS, Google Play Store या किसी अन्य प्री-इंस्टॉल किए गए ऐप को बंडल करने की जरूरत नहीं होगी। यानी आप दूसरे ऐप स्टोर का इस्तेमाल करके भी अपने टीवी में ऐप इंस्टॉल कर सकेंगे।
इन नए कानूनों का पालन करेगा गूगल
गूगल ने कम्पटीशन एक्ट की धारा 48A के तहत एक सेटलमेंट एप्लीकेशन प्रेजेंट किया है, जो न्यू इंडिया एग्रीमेंट कहे जाने वाले समझौते के साथ अपनी सहमति का संकेत दे रहा है। जिसका मतलब है कि टेक दिग्गज अब भारत में Android-बेस्ड स्मार्ट टीवी के लिए खास तौर से अपने Play Store और Play सर्विस के लिए अलग-अलग लाइसेंस ऑफर करेगा। कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के अनुसार, यह कदम इन सर्विस को एक साथ बंडल करने या डिफॉल्ट ऐप प्लेसमेंट जैसी शर्तों को खत्म कर देता है।
गूगल ऐप्स के बिना आएंगे टीवी
इसके अलावा गूगल ने भारत में भेजे जाने वाले उन स्मार्ट टीवी के लिए वैलिड Android कम्पेटिबिलिटी कमिटमेंट (ACC) की आवश्यकता को छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है, जिनमें Google एप्लिकेशन पहले से इंस्टॉल नहीं हैं। CCI ने बताया है कि इस बदलाव का मतलब है कि टीवी मैन्युफैक्चरर अब ऐसे Android टीवी मार्केट में पेश कर सकते हैं, जो Google ऐप्स के बिना आ सकते हैं।
आप पर क्या होगा असर?
अगर आप गूगल के Android OS और प्ले स्टोर के दीवाने हैं तो आपको अब इसके लिए टीवी मैन्युफैक्चरर से पहले ये जानकारी लेनी होगी कि क्या जो टीवी आप खरीद रहे हैं उसमें गूगल का OS मिल रहा है या किसी थर्ड पार्टी OS के साथ इसे बेचा जा रहा है, क्योंकि नए नियमों के बाद अब स्मार्ट टीवी मैन्युफैक्चरर किसी दूसरे ऐप स्टोर के साथ आसानी से पार्टनरशिप कर सकते हैं।
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