सभी स्मार्टफोन में प्री-लोड मिलेगा 'संचार साथी' ऐप, फोन चोरी या खोने की टेंशन खत्म!
दूरसंचार मंत्रालय ने सभी नए स्मार्टफोन में 'संचार साथी' ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का आदेश दिया है, ताकि चोरी हुए फोन को ढूंढा जा सके और साइबर अपराधों को रोका जा सके। पुराने फोन में भी इसे अपडेट के माध्यम से इंस्टॉल किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य डुप्लिकेट आइएमईआई नंबरों से होने वाले खतरों से निपटना है। हालांकि, निजता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

रायटर, बेंगलुरु। दूरसंचार मंत्रालय ने स्मार्टफोन निर्माताओं को निर्देश दिया है कि वे आगामी 90 दिनों के भीतर बाजार में उतारे जाने वाले सभी नए मोबाइल फोनों में अनिवार्य रूप से सरकारी साइबर सुरक्षा ऐप 'संचार साथी' को प्री-लोड करें। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यूजर इस ऐप को फोन से डिलीट न कर सकें। मंत्रालय ने मौजूदा फोन में भी साफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से ऐप को इंस्टाल कराने पर जोर दिया है।
सरकार का कहना है कि 'संचार साथी' की मदद से जनवरी से अब तक सात लाख से अधिक खोए या चोरी हुए मोबाइल फोनों का पता लगाया गया है, जिनमें अक्टूबर महीने में ही लगभग 50 हजार फोन बरामद किए गए। मंत्रालय के अनुसार डुप्लिकेट या नकली आइएमईआई नंबरों से जुड़ा साइबर जोखिम देश की दूरसंचार प्रणाली के लिए “गंभीर खतरा'' बन चुका है, जिसके चलते धोखाधड़ी, नेटवर्क दुरुपयोग और साइबर अपराधों में तेजी आई है।निजता को लेकर उठी आपत्तियांसरकारी निर्देशों का निजता समर्थक संगठनों और टेक कंपनियों ने विरोध किया है। इससे पहले भी एक सरकारी एंटी-स्पैम ऐप को लेकर ऐपल, सैमसंग, विवो, ओप्पो और शाओमी जैसी कंपनियों ने आपत्ति जताई थी।
डिजिटल अधिकार विशेषज्ञ मिशी चौधरी ने कहा कि सरकार का यह कदम यूजर की सहमति को दरकिनार करता है, जो चिंताजनक है। वहीं, काउंटरप्वाइंट के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने सुझाव दिया कि ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टाल करने के बजाय सरकार को यूजर्स को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि निजता और सुरक्षा के बीच संतुलन कायम रह सके।
क्या है संचार साथी ऐप
संचार साथी ऐप सेंट्रल रजिस्ट्री पर आधारित ऐप है। इसके जरिये यूजर संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट कर सकते हैं, आइएमईआइ नंबर चेक कर सकते हैं और चोरी या खोए फोन को ब्लाक कर सकते हैं। इससे उन्हें धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शनों की पहचान करने और उन्हें डिस्कनेक्ट करने में भी मदद मिलती है।
सरकार का कहना है कि यह ऐप साइबर खतरे को रोकने, चोरी हुए फोन ढूंढने और नकली मोबाइल को बाजार में आने से रोकने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। अभी यह ऐपल और गूगल प्ले स्टोर पर स्वैच्छिक डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, लेकिन अब नए फोन में यह जरूरी होगा।
क्या है आइएमईआई नंबर
हर मोबाइल हैंडसेट में एक 14 से 17 अंकों की विशिष्ट संख्या होती है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आइएमईआई) कहा जाता है। यह नंबर किसी भी फोन की यूनिक पहचान है और चोरी की स्थिति में उस फोन की नेटवर्क पहुंच बंद करने और लोकेशन ट्रैकिंग जैसे उपायों में उपयोग किया जाता है।

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