AI in 2025: क्या डरने का वक्त आ गया? 2025 में किस राह पर ले जाएगा AI
2025 AI के लिहाज से बहुत अहम रहने वाला है। अगले साल इस क्षेत्र में नए इनोवेशन तो होंगे ही साथ में कई मामलों में हाइपर रियलिज्म रिस्क भी बढ़ जाएगा। लोग एआई का इस्तेमाल करेंगे लेकिन भरोसा करने से कतराएंगे। ओपनएआई सोरा एडवांस फीचर्स के साथ सिर्फ टेक्स्ट से ही वीडियो बनाने की परमिशन देगा। इसमें कई ऐसी कैपिबिलिटीज शामिल होंगी जो ओवरऑल एक्सपीरियंस को बेहतर करेंगी।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। 2024 खत्म होने वाला है। इस साल चैटजीपीटी कई मेजर अपग्रेड्स के साथ पावरफुल हुआ है। 2024 में कई चैटबॉट और वॉयस असिस्टेंट्स लॉन्च हुए हैं। AI तेजी से अपना दायरा बढ़ा रहा है। Sora जैसे टूल हाइपर रियलिस्टिक वीडियो क्रिएट कर रहे हैं। जेनरेटिव एआई का दखल हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। इमेज क्रिएटर चैटबॉट्स को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल है कि साल 2025 एआई के लिए कैसा रहेगा? कौन-सी ऐसी चीजें हैं जो एआई के क्षेत्र में देखने को मिल सकती हैं।
2025 AI के लिए कैसा रहेगा
सोरा कैपिबिलिटीज: ओपनएआई सोरा एडवांस फीचर्स के साथ सिर्फ टेक्स्ट से ही वीडियो बनाने की परमिशन देगा। इसमें कई ऐसी कैपिबिलिटीज शामिल होंगी, जो ओवरऑल एक्सपीरियंस को बेहतर करेंगी।
हाइपर रियलिज्म रिस्क: 2025 में हाइपर रियलिज्म का रिस्क बढ़ जाएगा, जिसके कुछ नमूने इस साल भी देखे जा चुके हैं। असली-नकली का फर्क कर पाना मुश्किल हो जाएगा। मिसइन्फॉर्मेशन से निपटना एक चुनौती होगी, जो अभी भी मुश्किल समस्या है।
एजेन्टिक एआई: Claude जैसे टूल मुश्किल से मुश्किल काम चुटकियों में निपटा सकते हैं, लेकिन इन पर कई मामले में भरोसा करना रिस्की साबित हो सकता है।
ट्रांसपेरेंसी: AI जेनरेटेड कंटेंट के लिए लोगों के बीच भरोसा पैदा करना मुश्किल होगा। भले ही वह AI का इस्तेमाल करेंगे लेकिन उन्हें यह भी चिंता सताएगी कि कहीं एआई से ली गई जानकारी गलत तो नहीं है।
रेगुलेटरी लैंडस्केप: 2025 में रेगुलेटरी लैंडस्केप देखने को मिलेंगे। कई देश तो पहले से ही एआई को लेकर कानून बनाने की तैयारी में लग चुके हैं।
टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट: जाहिर तौर पर अगले साल एआई एडवांस हो जाएगा। इसमें लगातार टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट हो रहे हैं, जो अगले साल भी जारी रहेंगे।
क्या होंगी चुनौतियां
एथिक्स और सिक्योरिटी- अगले साल AI का विकास और इस्तेमाल दोनों बढ़ेगा। लेकिन कुछ नई चुनौतियां भी होंगी, जो परेशानी का सबब बनेंगी। भरोसे और नैतिकता के मामले में अगला साल एआई के लिए मुश्किल रहेगा।
डेटा क्वालिटी- एआई से ली गई इन्फॉर्मेंशन में हाई क्वालिटी डेटा और अनबाइस्ड डेटा को क्रॉस चेक करना जरूरी हो जाएगा।
इकोनॉमिक इंपेक्ट- एआई बहुत सी जॉब्स को खत्म कर सकता है, तो कुछ नए अवसर भी पैदा होंगे।
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