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    कीबोर्ड में F और J पर छोटी लाइनें क्यों होती हैं, आपने कहीं डिजाइन तो नहीं समझ लिया?

    Updated: Sun, 04 May 2025 10:13 AM (IST)

    ऑफिस का काम हो या स्कूल-कॉलेज का। लैपटॉप्स और कम्प्यूटर्स का इस्तेमाल सभी जगहों पर होता है। ऐसे में ऐसे सभी लोग कीबोर्ड का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि कीबोर्ड में F और J कीज़ पर छोटे उभरे निशान या बम्प्स होते हैं। काफी सारे इसके इस्तेमाल के बारे में नहीं जानते। कुछ लोगों को ये डिजाइन लग सकता है।

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    कीबोर्ड में F और J पर क्यों बने होते हैं छोटे निशान।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए हैं और कम्प्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। तो आपने कभी कीबोर्ड पर 'F' और 'J' कीज़ पर छोटे उभरे निशान या बम्प्स देखे होंगे। हो सकता है इन बम्प्स को आपने नोटिस भी नहीं किया होगा। अगर किया भी होगा तो शायद इनका काम आप नहीं जानते होंगे। काफी लोगों को इस बारे में नहीं पता होता है। ऐसे हम यहां आपको इन मार्क्स का मतलब यहां बताने जा रहे हैं।

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    इनका कीबोर्ड बहुत प्रैक्टिकल उद्देश्य है। ये टैक्टाइल गाइड्स हैं जो यूजर्स को बिना नीचे देखे उंगलियों को सही पोजीशन में रखने में मदद करते हैं। ये निशान 'टच टाइपिंग' तकनीक का हिस्सा हैं, जो विजुअल क्यूज की बजाय मसल मेमोरी पर निर्भर टाइपिंग मेथड है। स्टैंडर्ड QWERTY कीबोर्ड लेआउट में 'F' और 'J' कीज़ लेफ्ट और राइट हैंड की इंडेक्स फिंगर्स के लिए डेजिग्नेटेड पोजीशन्स हैं। बाकी उंगलियां होम रो (लेफ्ट हैंड के लिए A-S-D-F और राइट हैंड के लिए J-K-L-;) पर नैचुरली सेट हो जाती हैं।

    उभरे बम्प्स टाइपिस्ट्स को सिर्फ टच से होम रो हैंड पोजीशन्स तेजी और सटीकता से ढूंढने में मदद करते हैं। ये टैक्टाइल फीचर टाइपिंग स्पीड, एक्यूरेसी और एफिशिएंसी बेहतर करता है, खासकर प्रोफेशनल टाइपिस्ट्स या बार-बार टाइप करने वालों के लिए।

    ये मार्क्स इसलिए हैं वैल्यूबल :

    ये बार-बार देखने की जरूरत को कम करते हैं: यूजर्स को कीबोर्ड देखने की जरूरत नहीं, जिससे वे स्क्रीन पर फोकस रखकर प्रोडक्टिविटी बनाए रख सकते हैं।

    ये मसल मेमोरी को मजबूत करते हैं: समय के साथ कंसिस्टेंट फिंगर पोजीशनिंग आपके दिमाग और मसल्स को बिना सोचे एफिशिएंट टाइपिंग के लिए ट्रेन करता है।

    ये पोस्चर और एर्गोनॉमिक्स में मदद करते हैं: सही फिंगर प्लेसमेंट स्ट्रेन और रिपिटिटिव स्ट्रेस इंजरी की संभावना को कम करता है।

    ये बम्प्स छोटे होते हैं। ये लगभग सभी फिजिकल कीबोर्ड्स (डेस्कटॉप कंप्यूटर्स से लेकर लैपटॉप्स तक) में स्टैंडर्ड डिजाइन एलिमेंट हैं। कुछ टचस्क्रीन कीबोर्ड्स या ब्रेल डिवाइसेज में भी एक्सेसिबिलिटी और यूज की आसानी के लिए ऐसे टैक्टाइल फीडबैक एलिमेंट्स शामिल होते हैं।

    यानी कुलमिलाकर बात ये है कि 'F' और 'J' कीज़ पर छोटे निशान सिर्फ डिजाइन नहीं हैं। ये प्रॉपर टाइपिंग के लिए जरूरी हैं। ये यूजर्स को तेज और सटीक टाइपिंग करने में सक्षम बनाते हैं, जो मॉडर्न कंप्यूटर इंटरैक्शन में छोटे लेकिन पावरफुल टूल हैं।

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