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    यूं ही नहीं Down होते YouTube, Facebook, Instagram; इन वजहों से होता है ऐसा

    Updated: Thu, 07 Mar 2024 06:00 PM (IST)

    Why Do Websites Crash बीते मंगलवार को इंटरनेट यूजर्स सकते में आ गए जब अचानक मेटा प्लेटफॉर्म ठप्प पड़ गए। फेसबुक अपने आप लॉग-आउट हो गया। इतना ही नहीं मेटा प्लेटफॉर्म पर यूजर कई देर तक लॉग-इन ही नहीं कर पाए। दरअसल यह वेबसाइट डाउन से जुड़ा मामला था। जो भारत ही नहीं दुनिया भर के यूजर्स से जुड़ा था।

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    क्यों Down हो जाते हैं YouTube, Facebook, Instagram

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में मेटा के पॉपलुर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स के लिए डाउन हो गए। गूगल के वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब को लेकर भी परेशानी आई।

    भारत ही नहीं, दुनिया भर के यूजर्स ने शिकायत दर्ज की कि अचानक चलाते-चलाते फेसबुक लॉग-आउट हो गया।

    ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसी कौन-सी वजहें होती हैं, जिनकी वजह से वेबसाइट काम करना अचानक बंद कर देती हैं?

    किन वजहों से क्रैश होती हैं वेबसाइट

    दरअसल, वेबसाइट क्रैश होने की एक नहीं, कई वजहें हो सकती हैं। इस आर्टिकल में कुछ कॉमन और बड़ी वजहों को लेकर ही जानकारी दे रहे हैं-

    मालवेयर अटैक

    किसी भी वेबसाइट के क्रैश होने की एक सबसे बड़ी वजह मालवेयर अटैक हो सकती है। डिजिटल युग में साइबर अपराधी लगातार घात लगाए रहते हैं कि कब अटैक किया जाए।

    खास कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर इस तरह खतरा बना रहता है। साइबर अपराधी लॉग-इन एरिया को तोड़ने की कोशिश करते हैं। हर सेकेंड एक बिलियन पासवर्ड का इस्तेमाल कर इस तरह की कोशिश की जाती हैं।

    इस तरह के अटैक के साथ फेक ट्रैफिक जनरेट होता है, जो सर्वर को ओवरलोड जिसकी वजह से वेबसाइट क्रैश हो जाती हैं।

    ये भी पढ़ेंः मालवेयर की एंट्री होने पर डिवाइस में मिलते हैं ये चार संकेत, कहीं आपके साथ तो नहीं हो रहा ऐसा

    डोमेन एक्सपायर

    कई बार वेबसाइट क्रैश होने की वजह एक्सपायर्ड डोमेन भी हो सकता है। वेबासइट का डोमेन एक्सपायर होने पर खोया जा सकता है जब कोई दूसरा उसी समय रजिस्टर करे।

    दरअसल, डोमेन होस्टिंग वेबसाइट होस्टिंग की तरह नहीं होती है। हर वेबसाइट का एक डोमेन नेम होता है यह किसी वेबसाइट का वह एडरेस होता है जिसकी मदद से विजिटर वेबसाइट एक्सेस कर पाता है।

    This site can't be reached का मैसेज स्क्रीन पर अपीयर होना डोमेन इशू से जुड़ा होता है।

    ब्रोकन कोड

    डेवलपर्स वेबसाइट को चलाने और इंटरफेस के लिए वेब कोड को लिखते और इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में कई बार किसी वेबसाइट को लेकर किया गया नया बदलाव ब्रोकन कोड की वजह बनता है।

    ब्रोकन कोड का इशू किसी तरह के छोटे से टाइपो की वजह से भी हो सकता है। अगर वेबसाइट की हर एक लाइन के कोड को ठीक तरह से चेक न किया जाए तो यह वेबसाइट क्रैश होने की बड़ी वजह बन सकता है।

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    मैसिव ट्रैफिक

    हर वेबसाइट को चलाने के लिए यूजर का होना जरूरी है। हालांकि, अगर वेबसाइट का ट्रैफिक बहुत ज्यादा हो जाए तो यह वेबसाइट के क्रैश होने की वजह बन जाता है।

    ऐसा अमूमन किसी ऐसी वेबसाइट के साथ होता है, जिसका इस्तेमाल एक बड़ा यूजर ग्रुप करता है।

    दरअसल, हर वेबसाइट की अपनी बैंडविंड्थ और डेटा ट्रांसफर कैपेबिलिटी होती है, जिसे एक समय पर हैंडल किया जा सके।

    अचानक मैसिव ट्रैफिक की वजह से बैंडविंड्थ को लेकर परेशानी आती है और वेबसाइट क्रैश हो जाती हैं।

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