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    Typosquatting Scam: जब तक पता चलेगा, आपका बैंक अकाउंट हो जायेगा खाली; क्या है बचने का तरीका

    By Anand PandeyEdited By: Anand Pandey
    Updated: Sat, 22 Apr 2023 07:39 PM (IST)

    Typosquatting Phishing टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम एक प्रकार का साइबर क्राइम है जहां हैकर्स और स्कैमर्स असली वेबसाइट के जैसा एक नया डोमेन बनाते हैं। इस स्कै ...और पढ़ें

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    What is typosquatting and how does it work How you can protect yourself from typosquatting

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। इस डिजिटल युग में ऑनलाइन घोटाले और फ्रॉड तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए आपको कोई काम ऑनलाइन करते समय सुरक्षा के लिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इन खतरों में से एक टाइपोस्क्वाटिंग है। यह एक ऐसा स्कैम है, जिसके बारे में काफी कम लोगों को जानकारी है। 

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    यह एक ऐसा फ्रॉड है, जहां स्कैमर यूजर को गलत तरीके से फेक वेबसाइट पर विजिट कराता है। इस आर्टिकल में हम आपको टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम (Typosquatting Scam) के बारे में बताने वाले हैं। आप कुछ तरीकों से खुद को इस स्कैम से सेफ रख सकते हैं। 

    टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम क्या है?

    टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम एक प्रकार का साइबर क्राइम है, जहां हैकर्स और स्कैमर्स असली वेबसाइट के समान एक नया डोमेन नाम बनाते हैं। ये फेक वेबसाइट देखने में बिलकुल असली वेबसाइट जैसी लगती हैं। इसका डिजाइन और नाम बिल्कुल असली वेबसाइट जैसा मिलता-जुलता होता है।

    एक बार जब कोई यूजर नकली या टाइपोस्क्वाट (Typosquatting Website) वेबसाइट खोलता है, तो वह फिशिंग साइट या मालवेयर वाले इंटरनेट पेज पर रीडायरेक्ट हो जाता है। ऐसे अटैक में जब यूजर किसी गलत साइट पर विजिट करता है तो हैकर्स उससे बैंकिंग डिटेल्स चुराने की कोशिश करते हैं।

    टाइपोस्क्वाटिंग स्कैम से बचने के तरीके

    1. अनजान ईमेल, टेक्स्ट मैसेज आदि में अटैच होने वाले लिंक पर क्लिक करने में सावधानी बरतें।
    2. सोशल मीडिया पर या संदिग्ध वेबसाइट्स के माध्यम से किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
    3. आप जिस वेबसाइट लिंक पर क्लिक करने वाले हैं, उसके ऊपर उसका URL जरूर चेक करें।
    4. URL टाइप में गलती करने से बचने के लिए बार-बार विजिट करने वाली साइट्स को बुकमार्क करें।
    5. अनवेरिफाइड सोर्सेज से आने वाले ईमेल की अटैचमेंट को न खोलें।
    6. यदि आपको लगता है कि आप किसी तरह एक फर्जी वेबसाइट पर आ गए हैं तो जल्दी से ब्राउजर को बंद करें।
    7. ऐसे साइबर अटैक से बचने के लिये अपने फोन में एंटीवायरस सब्सक्रिप्शन लें।