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    फ्रिज में क्या होता है 'लीटर' का मतलब, क्यों ग्राहकों को नया मॉडल खरीदने से पहले जानना है जरूरी?

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 03:14 PM (IST)

    रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल आजकल लगभग सभी घरों में होता है। गर्मियों में इसकी जरूरत और भी बढ़ जाती है। अगर आप इस सीजन एक नया फ्रिज खरीदने का बारे में सोच रहे हैं या पुराने को अपडेट करने जा रहे हैं। तो एक टर्म लीटर का सामना आपसे जरूर होगा। काफी लोगों को इस बारे में मालूम नहीं होता है।

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    फ्रिज की दुनिया में लीटर का क्या मतलब होता है।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। जब भी लीटर की बात होती है, आमतौर पर तरल पदार्थ यानी लिक्विड ही जहन में आता है। लेकिन, जब नया फ्रिज खरीदते समय लीटर की बात होती है, तो आप जरूर एक बार सोच में पड़ सकते हैं, कि आखिर फ्रिज की कैपेसिटी को लीटर में कैसे तय किया जाता है। ऐसे में हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि रेफ्रिजरेटर की दुनिया में लीटर का क्या मतलब होता है?

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    रेफ्रिजरेटर खरीदते समय 'लीटर' एक ऐसा टर्म है, जो स्टोरेज कैपेसिटी को दिखाता है। ये बताता है कि फ्रिज और फ्रीजर कम्पार्टमेंट्स में कितनी जगह उपलब्ध है, जिसे लीटर (L) में मापा जाता है। ये माप इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह तय करता है कि फ्रिज में कितना खाना और ड्रिंक्स स्टोर हो सकता है, जो सीधे आपकी स्टोरेज जरूरतों से जुड़ा है।

    रेफ्रिजरेटर कई साइज में आते हैं, जो आमतौर पर 50 लीटर (छोटे मिनी-फ्रिज) से लेकर 600 लीटर से ज्यादा (बड़े डबल-डोर या साइड-बाय-साइड मॉडल्स) तक होते हैं।

    • छोटे फ्रिज, जैसे 150–250 लीटर, सिंगल पर्सन या कपल के लिए काफी होते हैं।
    • मीडियम साइज के रेफ्रिजरेटर, जो 250–350 लीटर के बीच होते हैं, 3–4 मेंबर्स वाले छोटे परिवारों के लिए आइडियल हैं।
    • बड़े परिवार या जो लोग ज्यादा खाना स्टोर करते हैं, उन्हें 400 लीटर या उससे ज्यादा कैपेसिटी की जरूरत हो सकती है।

    इसलिए जानना है जरूरी:

    लीटर कैपेसिटी को जानना कई कारणों से जरूरी है। पहला, ये परिवार के साइज और खानपान की आदतों के हिसाब से सही फ्रिज चुनने में मदद करता है। मिसाल के तौर पर, जो व्यक्ति रोज खाना बनाता है और बचा हुआ खाना स्टोर करता है, उसे बार-बार बाहर खाने वाले व्यक्ति की तुलना में ज्यादा स्पेस चाहिए।

    दूसरा, कैपेसिटी का असर एनर्जी कंजम्पशन पर पड़ता है। बड़े फ्रिज ज्यादा बिजली खपत करते हैं, इसलिए सही साइज चुनने से एनर्जी बिल्स में बचत हो सकती है।

    तीसरा, स्पेस एफिशिएंसी भी मायने रखती है। अगर फ्रिज बहुत छोटा है, तो बार-बार स्पेस की कमी हो सकती है। वहीं, बहुत बड़ा फ्रिज किचन में अनावश्यक जगह घेर सकता है और एनर्जी वेस्ट कर सकता है।

    ये जानकारी फ्रिज की शॉपिंग के दौरान मॉडल्स की तुलना में भी मदद करती है। बाहर से दो फ्रिज एक जैसे दिख सकते हैं, लेकिन इंटरनल डिजाइन के कारण उनके यूजेबल स्पेस में फर्क हो सकता है। इसीलिए बायर्स अक्सर ग्रॉस कैपेसिटी (टोटल इंटरनल स्पेस) और नेट कैपेसिटी (शेल्व्स और कम्पार्टमेंट्स के बाद यूजेबल स्पेस) को देखते हैं।

    कुल मिलाकर, रेफ्रिजरेटर की लीटर माप आपको बताती है कि फ्रिज कितना स्टोर कर सकता है। ये आपके लाइफस्टाइल, परिवार के साइज और एनर्जी एफिशिएंसी गोल्स के लिए सही मॉडल चुनने का एक अहम फैक्टर है। इसे समझने से बायर्स अपनी डेली जरूरतों के हिसाब से प्रैक्टिकल और सूझबूझ भरे फैसले ले सकते हैं।

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