क्या होते हैं External Hard Drives, कितने तरह के ड्राइव का होता है इस्तेमाल?
यूजर अपनी जरूरी जानकारियों को स्टोर करने के लिए हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल करता है। वर्तमान में तीन तरह की हार्ड ड्राइव इस्तेमाल में लाई जाती हैं। इनका इस्तेमाल डेटा बैकअप के लिए किया जाता है। (फोटो- जागरण)

नई दिल्ली, टेक डेस्क। यूजर चाहे कितनी ही कोशिश क्यों ना कर ले सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स और तस्वीरों को लंबे समय तक सहेज कर नहीं रख सकता। किसी ना किसी वजह से कुछ जरूरी फाइल्स डिलीट हो ही जाती हैं। ऐसे में आपके जरूरी डॉक्यूमेंट्स की बात हो या यादगार लम्बों की तस्वीरों की, इनके लिए एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव एक परफेक्ट सॉल्यूशन होता है।
आइए जानते हैं, क्या होते हैं एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव और यह कितने तरह के होते हैं-
आसान भाषा में समझें तो एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल डेटाके बैकअप के लिए किया जाता है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में जानकारियों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के लिए भी एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल होता है। इन दिनों तीन तरह की हार्ड ड्राइव HDD, SSD और SSHD का इस्तेमाल प्रचलन में है।
हार्ड डिस्क ड्राइव से ऐसे अलग होती हैं सॉलिड स्टेट ड्राइव
हार्ड डिस्क ड्राइव में मूविंग पार्ट होता है। यह दिखने में एक एयर-सील्ड केस की तरह होता है, जिसमें एक या एक से ज्यादा प्लैटर्स और बहुत सारे हेड्स होते हैं। डेटा को मैग्नेटिक सब्सटांस से ढके प्लैटर पर स्टोर किया जाता है। प्लैटर के घूमने पर हेड्स की मदद से लिखा और पढ़ा जाता है।
दूसरी ओर सॉलिड स्टेट ड्राइव में मूविंग पार्ट नहीं होता है। यह ड्राइव फ्लैश मेमोरी चिप पर डेटास्टोर करती है। इसके अलावा, सॉलिड स्टेट ड्राइव में एक कंट्रोलर चिप होती है। यह रिक्वेस्ट किए गए डेटा को खोजने में मदद करती है।
सॉलिड स्टेट हाईब्रिड ड्राइव की बात करें तो यह पुराने हार्ड डिस्क ड्राइव मानी जा सकती हैं। इनमें बहुत कम मात्रा में सॉलिड स्टेट स्टोरेज चिप्स होती हैं। इसके अलावा सॉलिड स्टेट हाईब्रिड ड्राइव में एक कंट्रोलर के द्वारा तय किया जाता है कि डेटा कहां स्टोर किया जाना चाहिए। कंट्रोलर तय करता है कि डेटा हार्ड डिस्क ड्राइव में स्टोर होगा या सॉलिड स्टेट ड्राइव में सेव होना चाहिए।
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