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    Telecomm Bill 2023: नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी नेटवर्क को कंट्रोल कर सकेगी सरकार, बिल की खास बातें

    By Subhash GariyaEdited By: Subhash Gariya
    Updated: Mon, 18 Dec 2023 05:48 PM (IST)

    शीतकालीन सत्र के 11वें दिन केंद्र सरकार ने लोकसभा में नया टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 (Telecommunications Bill 2023) पेश किया है। सरकार कहना है मौजूदा टेलीकॉम्युनिकेशन बिल 138 साल पुराना है। वर्तमान में टेक्नोलॉजी को देखते हुए इसमें बदलाव की जरूरत है। आज संसद में लाया गया बिल भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम- 1950 की जगह लेगा।

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    मौजूदा टेलीकॉम्युनिकेशन बिल 138 साल पुराना है।

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन लोकसभा में टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 (Telecommunications Bill 2023) पेश किया है। यह बिल सरकार को नागरिकों की हित में किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क को संभालने, बैन करने या उन्हें निलंबित करने की अनुमति देता है।

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    सरकार का कहना है कि मौजूदा टेलीकॉम्युनिकेशन बिल 138 साल पुराना है। वर्तमान में टेक्नोलॉजी को देखते हुए इसमें बदलाव की जरूरत है।

    टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 की खास बातें

    • नया टेलीकम्युनिकेशन बिल, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम- 1950 की जगह लेगा।
    • टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 केंद्र सरकार को आपदा या पब्लिक इमरजेंसी के दौरान देश में किसी भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या नेटवर्क को अस्थायी कब्जा करने की अनुमति देता है।

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    केंद्र सरकार या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त मीडिया कर्मियों के देश में प्रकाशित होने वाले मैसेज तब तक प्रतिबंधित नहीं होंगे, जब तक उनके ट्रांसमिशन को सब-सेक्शन (2) के क्लॉज (2) के तहत प्रतिबंधित न हो।

    टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023, ड्राफ्ट

    टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को सस्पेंड करेगी सरकार

    लोकसभा में पेश किया गया बिल सरकार को टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को सस्पेंड करने का अधिकार देता है। बिल में कहा गया है कि केंद्र सरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की रक्षा और सुरक्षा के हित में किसी भी व्यक्ति या समूह को या किसी टेलीकॉम डिवाइस से किसी भी मैसेज को कंट्रोल कर सकती है।

    इसके साथ ही किसी भी मैसेज को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान बिल में किया गया है। इसके लिए 3 साल तक की जेल और 2 करोड़ रपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

    OTT ऐप्स भी आएंगे दायरे में

    नए टेलीकॉम बिल के ड्राफ्ट में यूर्जर्स की सेफ्टी के लिए OTT (Over The Tap) या इंटरनेट आधारत कॉलिंग या मैसेजिंग ऐप्स को टेलीकम्युनिकेश की परिभाषा के तहत लाने का प्रस्ताव रखा गया है।

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