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    स्मार्टफोन एडिक्शन से पाना चाहते हैं छुटकारा? तो इन आसान टिप्स से करें स्क्रीन टाइम कंट्रोल

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 10:00 AM (IST)

    क्या आप भी सुबह से आधी रात तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते रहते हैं? बार-बार इंस्टाग्राम चेक करना वॉट्सऐप पर मैसेज देखना या एक्स पर स्क्रॉल करते रहने की आदत रोजाना आपके कई घंटे बर्बाद कर देती है? तो आज हम आपको 5 असरदार टिप्स के बारे में बताएंगे। जिन्हें फॉलो करके आप अपने स्क्रीन टाइम को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

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    इन आसान टिप्स से आप भी अपने फोन का स्क्रीन टाइम कंट्रोल कर सकते हैं।

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। बार-बार इंस्टाग्राम चेक करना, वॉट्सऐप पर मैसेज देखना या एक्स पर स्क्रॉल करते रहने की आदत रोजाना हमारे कई घंटे बर्बाद कर देती है। इन इंटरनेट मीडिया ऐप्स का डिजाइन ही कुछ ऐसा होता है कि इसकी आदत लगनी स्वाभाविक है। स्क्रीन टाइम की अधिकता के चलते कई आवश्यक कार्यों में व्यवधान भी आता है। हालांकि आप फोन के एडिक्शन से छुटकारा पाने के लिए कुछ इस तरह की टिप्स को फॉलो कर सकते सकते हैं। चलिए जानें

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    बिल्ट-इन कंट्रोल

    स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करने के लिए आईफोन और एंड्रॉयड दोनों में यह व्यवस्था होती है, इससे बच्चों के स्क्रीन टाइम की भी निगरानी की जा सकती है। एंड्रॉयड यूजर्स डिजिटल वेलबीइंग सेटिंग में जाकर स्क्रीन टाइम के बारे में पता कर सकते हैं। जरूरी काम के दौरान इंटरनेट मीडिया ऐप और नोटिफिकेशन को छिपा सकते हैं। इसी तरह आइफोन के सेटिंग में जाकर मेनू में ओवरआल डाउनटाइम को सेट कर सकते हैं, यानी किसी ऐप, गेम या एंटरटेनमेंट ऐप के टाइम को आप कंट्रोल कर सकते हैं।

    विचलित होने से बचें

    नोटिफिकेशन और ऐप्स को रोकने के लिए फोकस मोड की सुविधा दी जाती है। इसी तरह फोन को ग्रेस्केल मोड में डाल सकते हैं, जिससे आपका ध्यान फोन पर कम जाएगा। एंड्रॉयड में बेडटाइम मोड को चुन सकते हैं। डिजिटल वेलबीइंग सेक्शन में हेड्स अप फीचर एक्टिवेट कर सकते हैं।

    ऐप्स को ब्लॉक करें

    बिल्ट-इन फीचर्स काफी नहीं हैं, तो जोमो, ओपल, फोरेस्ट जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स से अपना स्क्रीन टाइम कम कर सकते हैं। कुछ ऐप प्रीमियम वर्जन में भी आते हैं। ये फेसबुक या इंस्टाग्राम पर ऐप क्लिक करने के दौरान आपको रोकते हैं।

    ऐप्स को डिलीट करें

    अगर आपका ज्यादा टाइम का नुकसान हो रहा है तो समय खर्चने वाले ऐप्स को डिलीट ही कर दें।

    थेरेपिस्ट की मदद लें

    स्मार्टफोन की आदतों के चलते डिप्रेशन, अकेलापन या निराशा होने लगी है, तो बेहतर होगा कि इसके लिए आप थेरेपिस्ट की मदद लें। साथ ही फेस-टू-फेस टाइम के लिए टाइम निकालना शुरू करें।

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