PM मोदी के कान में दिखे इस 'White Earring' ने मचाई हलचल, जानिए किस काम आता है ये सीक्रेट गैजेट
ओमान यात्रा के दौरान पीएम मोदी के कान में एक खास गैजेट देखा गया, जिसने सबका ध्यान खींचा। यह एक रियल-टाइम ट्रांसलेशन डिवाइस है, जो इंटरनेशनल मीटिंग्स म ...और पढ़ें

PM मोदी के कान में दिखे इस 'White Earring' ने मचाई हलचल, जानिए किस काम आता है ये सीक्रेट गैजेट
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में ओमान यात्रा के दौरान एक खास गैजेट पहने देखा गया जिसने कुछ ही देर में लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। स्वागत समारोह और उच्चस्तरीय बैठकों के बीच पीएम मोदी के बाएं कान में ये छोटा-सा डिवाइस लगा दिखाई दिया जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसके बारे में खूब चर्चा होने लगी। बहुत से लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा था कि आखिर ये कौन-सा गैजेट है और इसका यूज किस लिए किया जा रहा है। चलिए आज इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं...
ये कौन-सा गैजेट है?
दरअसल, पीएम मोदी के कान में दिखाई दे रहा ये डिवाइस कोई आम ईयरफोन या फैशन एक्सेसरी नहीं है, बल्कि ये एक एडवांस रियल-टाइम ट्रांसलेशन डिवाइस है। इस तरह की टेक्नोलॉजी का यूज इंटरनेशनल और डिप्लोमैटिक मीटिंग्स में किया जाता है, जहां अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले नेता आमने-सामने बातचीत कर रहे होते हैं। ये डिवाइस सामने वाले व्यक्ति की बात को तुरंत सुनकर दूसरी भाषा में बदलकर सुनाता है, जिससे बातचीत करना काफी ज्यादा आसान हो जाता है।
बता दें कि ओमान की ऑफिशियल लैंग्वेज अरबी है, जबकि भारत की ओर से बातचीत हिंदी या इंग्लिश में होती है। ऐसे में जब पीएम मोदी ओमान के डिप्टी प्रधानमंत्री सैय्यद शिहाब बिन तारिक अल से मुलाकात कर रहे थे तो उसी दौरान ये डिवाइस उनके कान में सबसे पहले दिखाई दिया। इसका मकसद दोनों नेताओं के बीच बातचीत को सहज, स्पष्ट और प्रभावी बनाना था।
AirPods में भी मिलती है ऐसी सुविधा
आज के दौर में ऐसी टेक्नोलॉजी सिर्फ सरकार तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि आम यूजर्स के लिए भी लाइव ट्रांसलेशन की सुविधा अब उपलब्ध हो गई है। उदाहरण के तौर पर एप्पल के AirPods में भी अब आपको लाइव ट्रांसलेशन जैसी सुविधा मिल जाती है। iPhone में मौजूद ट्रांसलेट ऐप के साथ AirPods का इस्तेमाल कर यूजर दूसरी लैंग्वेज को लगभग रियल टाइम में आसानी से समझ सकते हैं।
अब तो ओप्पो, सैमसंग और वनप्लस जैसे कई ब्रांड के ईयरबड्स में भी ऐसी लाइव ट्रांसलेशन वाली सुविधा देखने को मिल जाती है। हालांकि, डिप्लोमैटिक बैठकों में इस्तेमाल होने वाले प्रोफेशनल डिवाइस ज्यादा सेफ और अच्छे रिजल्ट देते हैं।
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