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    Online Shopping Scam: तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, बचने में काम आएंगे ये टिप्स

    Updated: Sat, 29 Jun 2024 10:04 PM (IST)

    बीते कुछ सालों में ऑनलाइन स्कैम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं इन्हींं में से एक ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम भी है। YouGov के एक सर्वे में पता चला है कि पांच में से एक शहरी भारतीय ऑनलाइन स्कैम का सामना करता है और इसके कारण वित्तीय नुकसान झेलना पड़ता है। ऑनलाइन शॉपिंग घोटालों में नकली वेबसाइट फिशिंग ईमेल सोशल मीडिया विज्ञापन और नकली शिपिंग अलर्ट शामिल हैं।

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    नहीं होना चाहते ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम का शिकार तो इन बातों का रखें ध्यान

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में YouGov के एक सर्वे में एक चिंताजनक बात सामने आई है, जिसमें पता चला है कि 20% शहरी भारतीय ऑनलाइन घोटालों के शिकार हुए हैं, जिनमें ऑनलाइन शॉपिंग घोटाले सबसे अधिक है। ऑनलाइन शॉपिंग घोटालों में नकली वेबसाइट, फिशिंग ईमेल, सोशल मीडिया विज्ञापन और नकली शिपिंग अलर्ट शामिल हैं।

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    इसमें स्कैमर्स भुगतान जानकारी चुराने के लिए असली सेलर जैसी नकली वेबसाइट बनाते हैं। इसके बाद फिशिंग ईमेल पीड़ितों को नकली वेबसाइटों पर व्यक्तिगत डिटेल डालने के लिए बरगलाते हैं।

    क्या है ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम

    • इसमें स्कैमर्स किसी भी साइट की नकली और बिल्कुल समान वेबसाइट बनाते हैं, जिससे अक्सर लोग प्रभावित हो जाते हैं। स्कैमर्स इसका प्रचार सोशल मीडिया पर करते हैं।
    • इसके अलावा वे आपको खरीदारी करने के लिए फिशिंग इमेल भेजते हैं , जिसमें लिंक होती है। अगर आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो आप स्कैमर्स के झांसे में आ सकते हैं।

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    इन तरीकों का करते हैं इस्तेमाल

    • नकली वेबसाइट: स्कैमर्स असली ऑनलाइन रिटेलर्स की नकल करते हैं और लोकप्रिय वस्तुओं पर भारी छूट देते हैं। एक बार जब आप अपना भुगतान विवरण डालते हैं, तो वे आपके पैसे चुरा लेते हैं और गायब हो जाते हैं।
    • फिशिंग ईमेल: इसमें स्कैमर्स विश्वसनीय कंपनियों (बैंक, क्रेडिट कार्ड) से ईमेल के रूप लिंक भेजते हैं। उनमें असली वेबसाइटों की नकल करने वाली नकली वेबसाइटों पर जाने वाले लिंक होते हैं। इन नकली साइटों पर अपनी जानकारी दर्ज करने से उनको आपकी व्यक्तिगत जानकारी मिल जाती है।
    • सोशल मीडिया ऐड्स: भ्रामक सोशल मीडिया विज्ञापन अविश्वसनीय डील के साथ नकली प्रोडक्ट या सर्विस को बढ़ावा देते हैं। इन विज्ञापनों पर क्लिक करने से आप नकली वेबसाइटों पर रीडायरेक्ट हो जाते हैं, जहां आपको अपनी भुगतान जानकारी साझा करने के लिए धोखा दिया जाता है।
    • नकली शिपिंग अलर्ट: ये अलर्ट, जो वैध शिपिंग कंपनियों से लगते हैं , लेकिन वास्तव में नकली वेबसाइटों के लिंक होते हैं। उन पर क्लिक करने से आपको अपनी शिपिंग जानकारी 'अपडेटट करने के लिए प्रेरित किया जाता है और अनजाने में आप अपने व्यक्तिगत विवरण स्कैमर्स को सौंप देते हैं।

    इन बातों का रखें ध्यान

    • हमेशा सही ऑनलाइन रिटेलर्स से ही खरीदारी करें। यदि आप किसी स्टोर से परिचित नहीं हैं, तो खरीदारी करने से पहले उसकी वैधता की जांच करें।
    • ईमेल या सोशल मीडिया विज्ञापनों में एम्बेड किए गए लिंक पर तब तक क्लिक न करें जब तक कि आप उनके सोर्स के बारे में पूरी तरह सुनिश्चित न हों। लिंक पर अपना माउस घुमाने से वास्तविक गंतव्य वेबसाइट का पता चल सकता है।
    • सुनिश्चित करें कि वेबसाइट URL खुदरा विक्रेता के नाम से मेल खाता हो और सुरक्षित कनेक्शन के लिए "https" से शुरू होता हो।
    • कभी भी अविश्वसनीय वेबसाइटों पर व्यक्तिगत विवरण (नाम, पता, फोन नंबर, क्रेडिट कार्ड की जानकारी) साझा न करें।
    • सुरक्षा की दृष्टि से डेबिट कार्ड की तुलना में क्रेडिट कार्ड बेहतर होते हैं।

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